फतेहपुर जिले के चौडगरा कस्बे में पुश्तैनी पटाखा निर्माण का काम नूर मोहम्मद और उसके परिवार के लिए मौत का कारण बन गया। विस्फोट इतना भयावह था कि नूर के शरीर के टुकड़े आसपास के मकानों की छतों तक जा पहुंचे। उसका एक पैर शाम तक नहीं मिल सका है। घटनास्थल पर देर शाम तक तलाश चली, लेकिन अंधेरा होने पर ग्रामीण और पुलिस कर्मी लौट गए। मलबे में दबी उसकी बेटी की हालत भी इतनी भयावह थी कि चेहरा पहचानना संभव नहीं था। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि करीब 500 मीटर के दायरे में स्थित मकानों की खिड़कियां और दरवाजे हिल गए थे। सुबह हुए विस्फोट की दहशत शाम तक मोहल्ले में बनी रही। लोगों के चेहरे खामोश थे और डर साफ दिख रहा था।


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हादसे के बाद जमींदोज हुआ घर
– फोटो : amar ujala
पटाखा निर्माण की अलग कोठरी पर पुलिस का छापा, दो ठिकानों पर ताले मिले थे
नूर मोहम्मद ने गांव से लगभग 500 मीटर दूर अवैध तरीके से पटाखा बनाने के लिए एक अलग कोठरी बनाई थी। लाइसेंस नवीनीकरण न होने के बावजूद वह परिवार के साथ चोरी-छिपे पटाखा निर्माण कर रहा था। जांच में यह भी पता चला कि घर में अग्निशमन यंत्र जैसे सुरक्षा उपाय मौजूद नहीं थे। पटाखे बनाने के बाद नूर मोहम्मद अपना स्टॉक रेवाड़ी खुर्द गांव और हाईवे किनारे रखता था। पुलिस ने दोनों जगहों पर छापा मारा, लेकिन वहां ताले लगे हुए मिले। इस गांव में पटाखा बनाने के दो लाइसेंस थे, एक चुन्नू पत्नी नूर हसन के नाम और दूसरा हसीना पत्नी नूर मोहम्मद के नाम, जिसका नवीनीकरण नहीं हो पाया था।

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घटनास्थल पर पहुंचे एसपी व सीओ व अन्य
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धमाके से दहशत में आए ग्रामीण, बारूद की गंध से खुला राज
अवैध पटाखा निर्माण से हुए तेज धमाके से गांव में दहशत फैल गई। लोग घरों से निकलकर खुले आसमान के नीचे आ खड़े हुए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि विस्फोट सिलिंडर से हुआ या पटाखा निर्माण के दौरान। शुरुआत में पुलिस और अवैध पटाखे बनाने वालों के परिजन ने रसोई गैस सिलिंडर फटने की अफवाह फैला दी, लेकिन जब लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो बारूद की तेज गंध से स्थिति स्पष्ट हो गई। गनीमत रही कि हादसा दिन में हुआ, अगर रात में होता तो नुकसान और ज्यादा हो सकता था। घटना के वक्त नूर मोहम्मद की पत्नी और छोटी बेटी घर के बाहर खड़ीं थीं, जिससे वे बाल-बाल बच गईं। पड़ोसियों ने बताया कि पटाखा बनाने का सामान छत पर रखा हुआ था।

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घर में हसीना के पास मौजूद पड़ोसियों की भीड़
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धमाके के बाद छा गई धुंध, दोबारा विस्फोट होने की रही चिंता
रेवाड़ी खुर्द निवासी रामराज ने बताया कि क्षेत्र में सभी लोग घरेलू काम में व्यस्त थे। तेज धमाके की आवाज सुनते ही लोग घबरा गए। तेज धमाका कहां और कैसे हुआ ये जानने के लिए घर के बाहर दौड़ पड़े। पहले तो लोग रसोई गैस सिलिंडर फटने की बात कर रहे थे। बाद में जानकारी हुई कि बारूद से विस्फोट हुआ है। विस्फोट के बाद आसमान में कुछ देर के लिए धुंध छा गई थी। वहीं, प्रमेश साहू ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचा। एंबुलेंस को फोन किया और पड़ोसियों की मदद से शवों को बाहर निकाला। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। घटना के बाद धमाके वाली जगह पर लोग नहीं जा रहे थे। ऐसा लग रहा था कहीं फिर से विस्फोट न हो जाए। धमाके की गूंज करीब 800 मीटर तक रही है।

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कोठरी सील करने की कार्रवाई करती पुलिस
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हादसे के बाद पुलिस को आया होश, कोठरी की सील
पटाखा विस्फोट के बाद रेवाड़ी खुर्द में पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई के चलते जिले भर की पुलिस सतर्क हो गई है। खखरेरू थाना क्षेत्र के पौली गांव के जंगल में एक कोठरी को सीओ बृजमोहन राय की मौजूदगी में सील किया गया। यहां पहले अवैध रूप से पटाखा निर्माण होता था। कुछ दिन पहले इसी स्थान से पुलिस ने पौली निवासी जुल्फिकार अली उर्फ भुट्टू को गिरफ्तार किया था। उसका लाइसेंस एक साल पहले ही समाप्त हो चुका था, फिर भी वह निर्माण कर रहा था। आरोपी को जेल भेजा जा चुका है। इधर, गाजीपुर थानाध्यक्ष प्रमोद मौर्या ने आतिशबाजी दुकानों और गोदामों की जांच कराई। महफूज हसन का लाइसेंस पांच साल से नवीनीकृत नहीं होने पर उसकी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।