फतेहपुर। दोआबा का स्पोर्ट्स काॅलेज अभी भले ही खिलाड़ियों के लिए काम न आ रहा हो लेकिन इसके अधूरे मैदान पर अफसरों की लापरवाही खूब फर्राटा भर रही है। खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने के दावे के साथ शुरू हुआ स्पोटर्स कॉलेज का काम 12 साल बाद भी अधूरा है। कभी बजट तो कभी तकनीक अड़चनों का हवाला देकर अधिकारी काम पूरा होने की तारीख बढ़ाते जा रहे हैं।

वर्ष 2011 में बसपा शासनकाल में जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी दूर जोनिहां मार्ग पर नेवलापुर में 36 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले स्पोर्ट्स कॉलेज की नींव रखी गई थी। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को तीन साल में काम पूरा कराना था। शुरू में निर्माण ने तेजी पकड़ी, लेकिन 2012 में सपा की सरकार बनते ही निर्माण कार्य धीमा पड़ गया। सपा शासन काल के अंतिम साल में संस्था को 12 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हुई, लेकिन उससे आधा काम भी नहीं हो सका।

दो साल पहले भाजपा सरकार में रुकी पड़ी स्पोर्ट्स कालेज की फाइल आगे बढ़ी और संस्था ने काम पूरा कराने के लिए 89 करोड़ का रिवाइज स्टीमेट भेजा। बजट अधिक होने के कारण प्रस्तावित कार्यों में कटौती कर 33 करोड़ 63 लाख का बजट स्वीकृत कर धनराशि अवमुक्त की गई। इसी से अभी काम कराया जा रहा है।

पहले चरण में मुख्य भवन, प्रशासनिक कक्ष, दो हाॅस्टल, ओवरहेड टैंक, बाउंड्री सहित बिल्डिंग का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में खेल का मैदान तैयार होना है। जिसका काम अभी अधूरा है। काॅलेज के पास खेल से जुड़े संसाधन भी नहीं हैं। अफसरों का कहना है कि कभी सरकार बदलने से काम ठप रहा, तो कभी बजट के कारण काम की गति धीमी हो गई। तकनीक जटिलताएं भी काम में बाधक बनीं। वहीं, स्पोटर्स कॉलेज में पहले चरण में 250 छात्रों को प्रवेश मिलना है, जो 12 साल से प्रकि्रया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी अभी भी एक साल का वक्त लगने की बात कह रहे हैं।

कोट

स्पोटर्स काॅलेज में खेल के मैदान पर काम चल रहा है। एथलेटिक्स ट्रैक और हाॅकी मैदान के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। शासन से अनुमति मिलते ही इनका काम शुरू होगा। अगले सत्र से प्रवेश शुरू होने की उम्मीद है।

– अनुराग श्रीवास्तव, जिला क्रीड़ा अधिकारी।



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