बहुआ। देर से आना और जल्दी चले जाना ब्लाक अधिकारियों और कर्मचारियों की आदत में शामिल सा हो गया है। कार्यालय में जिम्मेदारों से लेकर बाबू तक गायब रहते हैं। इससे ब्लाक कार्यालय में काम को लेकर पहुंचे लोगों को भटकना पड़ता है। शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। विकास की रफ्तार भी धीमी बनी हुई है।
बहुआ ब्लाक क्षेत्र में 59 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों से प्रतिदिन ग्रामीण जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, हैंडपंप, आवास, पेंशन समेत तमाम समस्याओं के निवारण के लिए ब्लाक मुख्यालय की चौखट पहुंचते हैं। जिम्मेदारों के कार्यालय में नहीं मिलने से लोगों को मायूसी के साथ लौटना पड़ता है। ग्रामीण सूरजपाल, अंगद लोधी, रामकृपाल, नंदकिशोर, अवधपाल, सुधीर कुमार, नीरज पासवान, संतोष कुमार, धर्मेंद्र, अर्जुन,वीरेंद्र कुमार,नत्थू समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ब्लाक मुख्यालय के कई दिन तक चक्कर काटने के बावजूद अधिकारियों से मुलाकात नहीं होती है। लोगों की शिकायत पर पड़ताल की गई। पेश है एक रिपोर्ट
इनसेट
बुधवार को कुछ ऐसा दिखा नजारा
बुधवार को बहुआ ब्लाक कार्यालय में सुबह समय 11 बजकर 37 मिनट पर बीडीओ अशोक कुमार सिंह की कुर्सी खाली दिखी। एडीओ समाज कल्याण राम कृपाल, एपीओ महेंद्र कुमार, लेखाकार फुरकान अहमद, स्थापना लिपिक इमामुद्दीन की भी कुर्सी खाली थी। लेखा सहायक वैभव गुप्ता कार्यालय में काम करते मिले। पता चला कि एडीओ पंचायत नीरज सिंह अवकाश पर हैं। स्थापना बाबू इमामुद्दीन दो घंटे की देरी से करीब 12 बजे ब्लाक कार्यालय पहुंचे। बीडीओ अशोक कुमार सिंह दोपहर एक बजे कार्यालय पहुंचे। बीडीओ अशोक कुमार सिंह देरी से आने का कारण नहीं बता पाए और अन्य कर्मचारियों के बारे में बताया कि कई बाबुओं की ड्यूटी अन्य ब्लाकों में लगी है। इसके अलावा स्टाफ की कमी है। इससे समस्या होती है।
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बोले लोग
फोटो-19-मो. आरिफ
बड़ा गांव निवासी मो. आरिफ ने बताया कि बहुआ ब्लाक कार्यालय में परिवार रजिस्टर में बच्चों का नाम दर्ज कराने पहुंचे थे, लेकिन कई दिनों से संबंधित कर्मचारी के न मिलने के कारण लौट रहे हैं।
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फोटो-21-अजय सिंह
रसूलपुर निवासी अजय सिंह ने बताया कि वह प्रधानमंत्री आवास के लिए कई दिन से ब्लाक के चक्कर लगा रहे हैं। ब्लाक में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक नहीं मिलता है और लौटना पड़ता है।
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फोटो-20-राजा सिंह
बरौहां निवासी राजा सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे का जन्म प्रमाणपत्र के लिए ब्लाक आए थे, लेकिन दोपहर तक ब्लाक में कोई नहीं मिला। कई दिन से चक्कर लगा रहे हैं। आज भी वापस लौट रहे हैं।
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फोटो-22-धर्मेंद्र सिंह
पैरों से दिव्यांग धर्मेंद्र सिंह निवासी बरौहां ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास के लिए कई बार ब्लाक के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हर बार कोई न कोई गायब रहता है। ऐसे में अभी तक उसे निराशा हाथ लगी है।