फतेहपुर। उन्नाव में सोमवार को हुए हादसे से जिले के लोग भी सहम गए हैं और सवाल कर रहे हैं कि क्या मौत का समान ढोने वाले इन ई-रिक्शाओं पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं।
बिना किसी रोक-टोक के सरिया, लोहे के पाइप और दूसरे समान लादकर ई-रिक्शा रोड पर फर्राटा भर रहे हैं। यातायात प्रभारी ने माल ढोने वाले ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही है।
जिले में सवारी के लिए मौजूद ई-रिक्शा भी मालवाहक बन गए हैं। ई-रिक्शा सरिया, पाइप, बोरी सहित कई तरह का भारी सामान लादकर सड़क पर दौड़ रहे हैं। शहर के कलक्टरगंज, वर्मा चौराहा, जिला अस्पताल चौराहा, पत्थरकटा सहित शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर स्थित दुकानों से ई-रिक्शा माल की ढुलाई करते हैं।
ई-रिक्शों में चालक सीट के आगे से लेकर कई फीट पीछे तक सरिया, पाइप और लोहे का सामान लादकर निकल रहे हैं। इससे अगल-बगल से निकल रहे राहगीर व अन्य वाहनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हल्का ई-रिक्शा सामान के अधिक भार से कई बार अनियंत्रित भी हो जाते हैं। इनकी चपेट में आने से कई दुर्घटना भी हो चुकी हैं।
उन्नाव का यह है मामला
उन्नाव में सोमवार शाम को करीब 20 फीट लंबे लोहे के पाइप लादकर जा रहे ई-रिक्शा ने पीछे से बाइक सवार को टक्कर मार दी। गर्दन में पाइप घुसने से बाइक पर पीछे बैठे युवक की मौत हो गई थी। बाइक चला रहा उसका ममेरा भाई बाल-बाल बचा था।
यातायात व्यवस्था देते हैं बिगाड़
ई रिक्शा चालकों की मनमानी से यातायात संचालन में भी अवरोध पैदा हो रहा है। सवारी बैठाने, उतारने और वाहन को खड़ा करने का स्थान निर्धारित न होने से मनमुताबिक स्टैंड बना है। चालक बीच सड़क पर ई-रिक्शा खड़ा कर सवारी बैठाते हैं। सवारी बैठाने का भी कोई मानक नहीं है। मानक से ज्यादा सवारी भी बैठती हैं और समय-समय पर मालवाहक के रूप में भी इनका प्रयोग होता है। परिवहन विभाग के साथ ही ट्रैफिक पुलिस इनकी तरफ से आंख मूंदे बैठी है। जिले में कुल 5,354 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा करीब तीन हजार ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़को पर घूम रहे हैं।