फतेहपुर। तेज रफ्तार स्कूल की बस एलकेजी के छात्र को टक्कर मारकर उसके ऊपर से गुजर गई। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई। चालक बस छोड़कर भाग निकला। परिजन मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह परिजनों को शांत कराया और शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सदर कोतवाली क्षेत्र के दक्षिणी गौतम नगर निवासी चंद्रभान गुप्ता का पुत्र सार्थक (5) गढ़ीवा मोहल्ले के पीछे स्थित सरस्वती बाल विद्या मंदिर शिवपुरम में एलकेजी का छात्र था। वह स्कूल से छुट्टी के बाद दोपहर करीब दो बजे बाहर निकला। स्कूल के मोड़ पर खड़े ई रिक्शा में वह बैठने जा रहा था, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आई सरस्वती बाल विद्या मंदिर स्कूल की बस ने सार्थक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से छात्र रोड पर गिरा और बस का पिछला टायर उसके सिर के ऊपर से निकल गया।
हादसे होते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तो चालक बस छोड़कर भाग निकला। परिजन मौके पर पहुंचे और स्कूल प्रशासन और चालक पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। परिजन चालक को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। स्कूल प्रशासन और पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत किया।
कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि पिता की तहरीर पर बस नंबर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। चालक की तलाश की जा रही है। प्रधानाचार्य धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हादसा स्कूल से करीब 25 मीटर दूरी पर हुआ है। छुट्टी के बाद स्कूल गेट से निकालने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। बस का चालक अशोक कुमार है।
बच्चों भरी बस तेज रफ्तार में भगाता चालक
संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहपुर। स्कूल के पास बच्चे की जान लेने वाला बस चालक को पहले कई बार लोगों ने टोंका था, इसके बाद भी नहीं माना था। चालक की लापरवाही ने छात्र की जान ले ली। पहले भी कई बार स्कूल बसों से हादसे हो चुके हैं। इलाकाई लोगों ने हादसे के पीछे चालक को जिम्मेदार बताया है। कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन भी जिम्मेदार है। स्कूल प्रशासन पूरी बस चालकों के हवाले कर रखता है। नियमित रूप से बस चालकों की रास्ते में आते-जाते निगरानी नहीं की जाती है। यही वजह है कि स्कूल बच्चे हादसे का शिकार होते हैं।
फोटो-15- दुष्यंत सैनी
शिवपुरम के रहने वाले दुष्यंत सैनी ने बताया कि स्कूल की बसें और अन्य बच्चों को एक साथ स्कूल से छोड़ा जाता है। बसें तेज रफ्तार में निकलती है। जबकि स्कूल गली के अंदर आबादी के बीच है। गली में उनके बच्चे भी आते-जाते हैं। कई बार मना करने के बाद भी चालक नहीं मानते हैं।
फोटो16- संदीप यादव
शिवपुरम के रहने वाले संदीप यादव ने बताया कि रास्ता करीब 15 फिट चौड़ा है। स्कूल की तीन से चार बस और छोटे स्कूली वाहन से बच्चे ढोये जाते हैं। चालक आते-जाते रफ्तार में होते हैं। चालक तेज रफ्तार में नहीं होता तो शायद हादसा नहीं होता। गली में 15 से 20 किलो मीटर की रफ्तार में चालकों का वाहन चलाना चाहिए।
इनसेट
11 अप्रैल को शिवपुरम में स्कूल बस से कुचला था छात्रा का हाथ
गलियों में स्कूल बस चालकों की रफ्तार जानलेवा साबित होती आई है। शिवपुरम सरस्वती बाल मंदिर की छात्रा शुभी पाल (7) बहन दिव्या के साथ साइकिल से 11 अप्रैल को स्कूल जा रही थी। शिवपुरम मोहल्ले में एक स्कूल की बस ने साइकिल में टक्कर मारी थी। हादसे में शुभी बस की तरफ गिरी थी। उसका एक हाथ बस से कुचल गया था। दिव्या दूसरी ओर से गिरने से घायल हो गई थी। छात्रा शुभी को हादसे में एक हाथ गवांना पड़ा।
इनसेट
महिलाओं के आगे आने पर बस रोक भागा चालक
बस चालक हादसे के बाद भाग रहा था। हादसा दरवाजे पर खड़ी कुछ महिलाओं ने देखा। यह देखकर दो महिलाएं दौड़कर बस के आगे पहुंची। तभी चालक ने बस रोकी। इलाकाई लोगों के मुताबिक चालक भागकर स्कूल पहुंचा।
फोटो 13- हादसा करने वाली बस के पास लगी भीड़
फोटो 14- स्कूल में बच्चे के पिता को शांत कराते लोग
फोटो 17- स्कूल के बाहर लगी भीड़
फोटो 18- स्कूल के पास घटनास्थल पर पड़ा खून
फोटो 19- हादसे के बाद मौके पर चर्चा करती महिलाएं
फोटो 20- स्कूल में जांच करती पुलिस
दुलारे बेटे के शव से लिपटकर बिलख पड़ा पिता
– भाई-बहनों में सबसे छोटा था सार्थक
– बेटे का घर आने का इंतजार कर रही थी मां
संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहपुर। छात्र की मौत की खबर से परिवार का हाल बेहाल दिखा। हादसे के बाद इलाकाई लोगों की भीड़ लग गई। बच्चे को देखकर लोगों की संवेदना दिखी। परिवार और बच्चे को देखने वाले हर शख्स की आंख नम हो गई। स्कूल बस हादसे में जान गवांने वाला छात्र सार्थक की मां विद्या देवी बदहवास दिखी। उसकी बेटी प्रिया के फोन पर बच्चे की हादसे में मौत की खबर आई। यह सुनते ही विद्या देवी दहाड़ मारकर रोने बिलखने लगी। वह बोली कि बेटे का घर आने का इंतजार कर रही थी। घर आते ही वह भूख लगने की बात कहता था। उसके आने से पहले वह खाना लगाने की तैयारी कर रही थी। बेटी प्रिया के फोन में बेटे के साथ हादसे की खबर मिली। उधर, पिता किसी काम से गया था। पिता घटनास्थल के बाद जिला अस्पताल पहुंचा। बेड में रखे बेटे के शव से लिपटकर रोने लगा। पिता बोला कि बेटा उठ जाओ, तेरे बिना वह कैसे जियेगा। छात्र के बड़े दो भाई प्रद्यूम्न और अरुण हैं। वह परिवार में सबसे छोटा था। इसी वजह से सभी का दुलारा था।