– 129 परिवारों को खाद्य सामग्री और जरूरी सामान कराया गया उपलब्ध, भोजन के साथ बच्चों के लिए दूध, बिस्कुट और ब्रेड की कराई व्यवस्था
– विधायक और समाजसेवियों ने भी बांटी सामग्री
संवाद न्यूज एजेंसी
कानपुर/औंग। शिविर में मुश्किलों से घिरे बाढ़ पीड़ितों तक आखिरकार राहत पहुंच गई। अमर उजाला में शुक्रवार को खबर प्रकाशित होने के बाद अफसर करंट की तरह राहत शिविर की ओर दौड़ पड़े। 129 परिवारों को खाद्य और रोजाना की जरूरत से जुड़ी सामग्री बांटी। बच्चों के लिए दूध, बिस्कुट और ब्रेड की व्यवस्था कराई। कुछ गांवों के लोगों को पंचायत भवन में जगह उपलब्ध कराई गई।
बाढ़ से घिरे जाड़े के पुरवा के 56, बिंदकी फार्म के 48, बेनीखेड़ा के 10 और सदनहा के 15 समेत 129 परिवारों को महुआ घाट के राहत शिविर व पंचायत भवन में भेजा गया। शुक्रवार को सीतापुर जनपद से राहत सामग्री आई। प्रति परिवार को दो कार्टून दिए गए। एडीएम विनय पाठक ने बताया कि एक किट में पांच किलो लाई, दो किलो भूने चना, एक किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेज माचिस, एक पैकेज मोमबत्ती, दो नहाने के साबुन, 20 लीटर का जैरीकेन और एक तिरपाल दिया गया है। दूसरी किट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, दो किलो अरहर की दाल, 10 किलो आलू, हल्दी 200 ग्राम, मिर्चा, धनियां, हल्दी, सब्जी मसाला के पैकेट, एक लीटर सरसों का तेल व एक किलो नमक दिया गया है।
महिलाओं के स्वास्थ्य को देखते हुए किट भी प्रदान की गई है। कपड़ा धोने का साबुन, एक तौलिया, एक मीटर सूती कपड़ा, डिस्पोजल बैग, एक डिब्बा उपलब्ध कराया गया है। एडीएम ने बताया शिविर में मौजूद सभी को रोजाना दोपहर 11 बजे और शाम आठ बजे पूड़ी, सब्जी व ताजा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। मवेशियों के लिए भूसा व चारा की भी व्यवस्था की गई है। वहीं, शुक्रवार सुबह 11 बजे जहानाबाद विधायक राजेंद्र पटेल ने भी बाढ़ पीड़ितों को राहत किट प्रदान की। उन्होंने सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है।
बस अब न हो देरी
शुक्रवार सुबह से ही अफसरों की टीम राहत शिविर में पहुंच गई थी। पहले दिन सुबह मिलने वाला भोजन दोपहर दो बजे उपलब्ध हो सका। अधिकारियों ने बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया कि अब रोजाना समय पर भोजन उपलब्ध होगा। बिंदकी फॉर्म के शिव गोविंद और उनकी पत्नी नीता ने बताया कि भोजन पकने में देरी के कारण तीन बच्चों को सुबह दूथ, बिस्कुट और ब्रेड दिया गया। बाद में रिश्तेदार के घर से टिफिन मंगवाकर भोजन कराया। संजय की पत्नी लक्ष्मी ने बताया कि राहत सामग्री मिलने से काफी सहुलियत हुई है। रामकिशोर और उनके पति रामकिशोर के साथ परिवार के 10 लोगों ने बताया कि पहले दिन भोजन कुछ देरी से मिला। आगे से ऐसा नहीं होगा, ऐसा वादा अफसरों ने किया है। साथ भोजन का इंतजार करती रहीं। एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि बच्चों के लिए समय पर दूध, बिस्कुट, ब्रेड उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही भोजन भी सुबह 11 बजे और रात आठ बजे दिया जाएगा।
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सफाई पर ध्यान देने के लिए किया जागरूक
बाढ़ राहत शिविर के आसपास घासफूस, झाड़ियां खड़ी हैं। शिविर में मौजूद सभी के पास चारपाई नहीं हैं। कीड़े-मकोड़ों का शिविर में खतरा बना है। हालांकि पीने के पानी के तीन टैंकर, उजाले के लिए एलइडी लाइट, बिजली के लिए दो जनरेटर लगाए गए हैं। महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। प्रशासनिक अमले में तहसीलदार जगदीश सिंह, नायब तहसीलदार रवि, नायब तहसीलदार रचना यादव, लेखपाल शुभम सिंह, लेखपाल अभिषेक शिवहरे, लेखपाल अभिमन्यु व अतुल स्वास्थ्य टीम गोपालगंज, उप चिकित्सा अधिकारी वेटरनरी महेंद्र सिंह राठौड, पशु चिकित्सक डॉ. स्नेह लता, पशुधन प्रसार अधिकारी संतोष शर्मा तथा पूर्व प्रधान अभयपुर संजय सिंह, कोटेदार शिवराम सिंह, पूर्व प्रधान आशापुर राजेश सिंह चौहान, परशुराम आदि पीडि़तों की निगरानी में लगे हैं। अफसरों ने बाढ़ पीड़ितों को साफ-सफाई रखने के प्रति जागरूक भी किया।
समाजसेवियों ने बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री
बाढ़ राहत शिविर महुआ घाटी में समाजसेवियों ने जरूरतमंदों को राहत सामग्री वितरित कीं। मौहार गांव निवासी शुभम सिंह चंदेल, दादन खेड़ा के ओम सिंह भदौरिया, मवैया के शिवव्रत सिंह चौहान ने संयुक्त रूप से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। बाढ़ पीड़ितों को अपने मोबाइल नंबर भी दिए और 24 घंटे किसी भी प्रकार की आवश्यकता पूरा करने का भरोसा दिया। राहत सामग्री में खाने पीने की वस्तुएं, मच्छरों से बचने के लिए अगरबत्ती, माचिस, तेल, साबुन, केला, समोसे आदि शामिल हैं।