फतेहपुर। करोड़ोंं रुपये खर्च होने के बाद भी सरोवर अमृत नहीं समेट पा रहे हैं। जिले की ग्राम पंचायतों में 428 सरोवरों को अमृत सरोवर के रूप में चयनित किया गया था। इनका सुंदरीकरण होना था। अप्रैल 2022 से मनरेगा और राज्य वित्त के माध्यम से ग्राम पंचायतों ने इस पर काम शुरू किया। जून तक 205 अमृत सरोवर पूर्ण हो गए थे। इसके बाद तीन माह में सिर्फ चार ही तालाब बन सके हैं। अब जिम्मेदार अधिकारी बारिश का मौसम होने की वजह से काम रुकने की बात कह रहे हैं।

मनरेगा और राज्य वित्त के तहत 60-40 के अनुपात में अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य चल रहा है। मसलन एक तालाब को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने के लिए ग्राम पंचायत 60 प्रतिशत काम मनरेगा से और 40 प्रतिशत काम राज्य वित्त से करा रही हैं। एक अमृत सरोवर को पूर्ण करने में औसत तीन से चार लाख का खर्च हो रहा है। अब तक जिले में करीब सात करोड़ रुपये अमृत सरोवर पर खर्च हो चुके हैं।

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प्रधानों ने किया खेल

अमृत सरोवर बनाने में कई जगह धन का बंदरबांट हुआ। कई गांवों में प्रधान ने जेसीबी से खुदाई करवा के मनरेगा से भुगतान करा लिया। राज्य वित्त से हुए पक्के काम (तालाब के किनारे पथवे, पक्की कुर्सियां आदि) में भी खेल हुआ। तालाबों की खुदाई भी मानक के अनुसार नहीं हुई। कई जगह प्रधान बारिश का इंतजार करते रहे और जबकि कुछ जगहों पर खुदाई के नाम पर खानापूरी करके पूरा भुगतान करा लिया। बारिश का पानी भर जाने से तालाबों की वास्तविक गहराई का अंदाजा भी नहीं लगा और शिकायतों के बावजूद प्रधान जांच में बच गए।

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चयनित अमृत सरोवरों की संख्या

ऐरायां- 28

अमौली-22

असोथर-26

बहुआ-22

भिटौरा-49

देवमई-30

धाता-33

हसवा-40

हथगाम-66

खजुहा-18

मलवां-40

तेलियानी-22

विजयीपुर-32

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कोट्स

बारिश के मौसम में अमृत सरोवरों का काम रुका है। बारिश के बाद तेजी से काम करा कर शेष तालाबों का काम भी पूर्ण करा दिया जाएगा।

– अशोक कुमार गुप्ता, डीसी मनरेगा।



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