फतेहपुर। अनुसूचित जाति की किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने के दोषी को पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मो. अहमद खान ने उम्रकैद और 42 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। फैसला आठ साल बाद आया है।
गाजीपुर थानाक्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 14 साल की किशोरी 17 मई 2014 को भैंस चराने जंगल गई थी। शाखा गांव निवासी रामगोपाल उर्फ पुत्तू सोनी किशोरी को शादी का झांसा देकर अगवा कर ले गया था। दो दिन बाद किशोरी बरामद हुई थी। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। किशोरी के बयान में सामने आया कि रामगोपाल अपने साथी बबलू उर्फ शैलेंद्र सिंह के सहयोग से बाइक से बहन के घर बहुआ ले गया था। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और एससी-एसटी की धाराएं बढ़ाई थींं। सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र उत्तम ने बताया कि ट्रायल के दौरान बबलू को कोर्ट ने बरी कर दिया था। मामले की सोमवार को अंतिम सुनवाई हुई। आठ गवाह पेश हुए। कोर्ट ने रामगोपाल को दोषी मानकर अपहरण, बरामदगी, अनुसूचित जाति की किशोरी से दुष्कर्म की धाराओं के तहत कुल 42 हजार रुपये अर्थदंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि में 20 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं।