फर्रुखाबाद। 600 रुपये बिल अदा कर बिजली विभाग के कर्मचारी एसी का आनंद लेने के साथ जमकर बिजली खर्च कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं। ऐसे में बिजली चोरी पर अंकुश कैसे लगे, जब अपने ही विभाग का बंटाधार कर रहे हैं।

बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के लिए बिजली खपत का खर्च निर्धारित है। सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्हें यह सुविधा मिलती रहती है। दो माह पूर्व शासन से सभी अधिकारी व कर्मचारियों के आवासों पर मीटर लगाने के लिए आदेश दिए गए थे। अभी तक इस आदेश का पालन नहीं हुआ। अधिकांश कर्मचारियों के आवास पर एसी चल रही हैं। लेकिन वह विभाग में दर्ज न कराकर राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के घरों पर ताे खुद एसी का आनंद लेने के साथ उनके परिजन भी एसी चला रहे हैं।

दरअसल, बात यह है कि विभागीय कर्मचारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी के वेतन या पेंशन से करीब 600 रुपये प्रति माह बिजली बिल के कटते हैं। एसी का चार्ज अलग से होता है। अधिकांश कर्मचारी घरों में एसी लगे होने का कार्यालय में जिक्र ही नहीं करते। चेकिंग करने वाले भी अपने ही होते हैं, इससे वह 600 रुपये में ही गर्मी में एसी और सर्दियों में रूम हीटर का पूरा आनंद लेते हैं। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारी लाइनमैन, एसएसओ आदि भी अपने घरों में एसी लगाए हैं, लेकिन वह मीटर से पहले ही सीधी केबल खंभे से डालकर खुलेआम बिजली चोरी कर रहे हैं। चेकिंग के नाम पर रोशनी के लिए एक बल्ब जलाने वालों की तो विजिलेंस टीम भी एफआईआर दर्ज करा देती है, लेकिन विभागीय कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी व आउटसोर्स कर्मियों के घर हो रही बिजली चोरी पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। इससे विभाग को अपने ही सबसे ज्यादा राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं।

चलाया जाएगा अभियान

अधिशासी अभियंता नगरीय बृजभान सिंह ने बताया कि शहर में 250 सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। इसके अलावा विभागीय कर्मचारी व आउटसोर्स कर्मियों के घरों पर अभियान के तहत चेकिंग कराई जाएगी। एसी चलता पाए जाने पर जुर्माना वसूल किया जाएगा।



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