संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहपुर

Updated Sun, 08 Oct 2023 12:28 AM IST

फतेहपुर। विभागीय मिलीभगत से स्वास्थ्य सेवाओं से जिले में खिलवाड़ करने वाले बेखौफ हैं। क्लीनिक की आड़ में नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। विभाग भी इन पर नजर टेड़ी नहीं करता है। क्लीनिकों में सर्जरी तक की जा रही है। नर्सिंग होम के मानकों को पूरा करने पर संचालकों की हालत खराब हो जाती है। इसी वजह से क्लीनिक का पंजीकरण तेजी से विभाग में हो रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कुल 39 क्लीनिकों का पंजीकरण है।

शहर के दो स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले मेडिकल सेंटर की पड़ताल में अंदर का सच सामने आया। शांतिनगर में लोधी मेडिकल सेंटर संचालित हो रहा है। मेडिकल सेंटर का पंजीकरण क्लीनिक के नाम पर है। क्लीनिक में बाहृय रोगी मरीज ही देख जा सकते हैं। क्लीनिक में दो मरीज खून की कमी में भर्ती मिले। मरीज चित्रकूट जिले और दूसरा हथगाम के रहने वाले हैं।

चित्रकूट के भर्ती मरीज के तीमारदार भोला ने बताया कि मरीज को खून की कमी है। इसी वजह से भर्ती कराया है। उसे खून चढ़ाया जाएगा। दूसरे हथगाम के राजापुर भर्ती मरीज के तीमारदार ने बताया कि उसे दो यूनिट खून चढ़ाया जा चुका है। इस सेंटर के अंदर ऑपरेशन थिएटर और अन्य इंतजाम दिखे। दूसरे वर्मा चौराहा में संचालित राधेकृष्णा हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन बाहृय रोगी और साधारण प्रसव के लिए पंजीकृत है। यहां एक मरीज इस्लाम सांस और बुखार की दिक्कत से भर्ती मिला। उसे आॅक्सीजन सिलिंडर भी लगा था। दूसरी बुखार पीड़ित आरती देवी भर्ती मिली। उसे कैथिएटर भी पड़ा था। इस तरह के कई क्लीनिक नर्सिंग होम के रूप में संचालित हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण और कार्रवाई हवा हवाई साबित होती नजर आ रही है। एसीएमओ डा. इश्तियाक अहमद ने बताया कि दोनों मेडिकल सेंटरों का पंजीकरण क्लीनिक का है। नर्सिंग होम संचालन अवैध है। जांच कर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



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