फतेहपुर। बिजली विभाग की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। मरम्मत कार्य न होने से फाल्ट तो ही रहे हैं साथ ही जगह-जगह झूलते तार मुसीबत बन रहे हैं। अब जब फाल्ट रोकने के लिए केबल बदलने का काम शुरू किया गया, तो उसमें भी लापरवाही बरती जा रही है। केबल सड़क किनारे झूल रही हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती हैं।
रीवैम्प योजना के तहत खुले तारों की जगह एबी केबल बिछाई जा रही है। ये केबल कई जगह महज सात से आठ फीट ऊंचाई पर ही बिछाई गई है। ऐसी ही लापरवाही महर्षि विद्या मंदिर काॅलेज से जेल रोड जाने वाली सड़क के ऊपर एबी केबल बिछाने में बरती गई। केबल कई जगह लटक गई है। इस सड़क से वाहनों का आवागमन दिन भर होता है। ऐसे में तार किसी भी वक्त हादसों की वजह बन सकते हैं। यह हाल जेल रोड से बुलेट चौराहे के बीच कई जगह है। वीआईपी रोड पर भी केबल का जाल झूल रहा है।
2217 किमी के बदलने हैं तार
रीवैंप योजना के तहत कुल 257 करोड़ की लागत से काम होने हैं। इसमें 127 करोड़ की लागत से 2217.96 किलोमीटर के खुले तारों की जगह एबी केबल लगाने का काम होना है। शहर में तारों को बदलने का काम किया जा रहा है। उसमें भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। बता दें कि जिले में 2022 में रीवैम्प योजना लागू हुई, दिसंबर में कंपनी को बजट भी मिल गया, लेकिन काम शुरू कराने में चार महीने का समय लग गया। अप्रैल में काम शुरू हुआ, लेकिन चार महीने में 20 प्रतिशत ही काम हो सका है।
प्लास्टिक शेड का घेरा खुले ट्रांसफार्मर के लिए कारगर
पूरे शहर में कई जगह खुले में रखे ट्रांसफार्मर हादसों को दावत दे रहे हैं। इनकी ओर बिजली विभाग का ध्यान नहीं है, जबकि विभाग सजगता बरत कर खतरों से बचा सकता है। कानपुर में ट्रांसफार्मर के चारों ओर प्लास्टिक बोर्ड का शेड बनाया गया है। इससे करंट उतरने का खतरा खत्म हो जाता है। यह कम खर्च में बेहतर और सुरक्षित विकल्प माना गया है। शहर के ज्वालागंज, आईटीआई रोड, पीरनपुर, मुराइनटोला, सदाशिव टॉकीज के सामने, चौक पीलू तले सहित कई स्थानों पर खुले में ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। जिन्हें इसी तरह से ढकने की जरूरत है।