फोटो 25- परिजनों को ढांढस बंधाते ब्लॉक प्रमुख विकास पासवान।

– किसान के खेत पर करीब पांच फीट गहरे पानी में उगी जलकुंभी

संवाद न्यूज एजेंसी।

हसवा। खेत पर जलकुंभी हटाते किशोर गहरे पानी में जाकर डूब गया। हादसे में उसकी मौत हो गई। कुछ दूर तालाब में मछली पकड़ रहे लोगों ने घटना देखकर शोर मचाया। ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाला। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

राधानगर थाना क्षेत्र के अतरहा निवासी मेवालाल वाल्मीकि का पुत्र रंजीत उर्फ साजन (15) खेत पर गेहूं की बुआई के लिए जलकुंभी हटाने गया था। गहराई में जमीन होने की वजह बारिश में जलकुंभी से खेत घिर गया था। जलकुंभी निकालते समय गहराई में चले जाने से किशोर डूब गया। परिजनों ने बताया कि साजन पिता मेवालाल के साथ रहता था। दो भाई रामबाबू और पतराखन परिवार से अलग रहते हैं।

गांव में नहर किनारे खेत में करीब 10 साल से जलकुंभी पैदा हो जाती है। इससे सैकड़ों किसान फसल बोने से वंचित रहते हैं। प्रभारी निरीक्षक राजकिशोर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौके पर हंसवा ब्लॉक प्रमुख विकास पासवान ने परिजनों को ढांढस बंधाया।

साइड स्टोरी

फोटो 24- खेत पर उगी जलकुंभी

ड्रेनेज की सफाई न होने से हुआ हादसा

– खेत पर फैली जलकुंभी किसानों के लिए बनी आफत

– किसान महापंचायत में अधिकारी सफाई कराने का करते वादा

संवाद न्यूज एजेंसी

हसवा। खेत पर हर साल फैलने वाली जलकुंभी लंबे समय से किसानों के लिए नासूर बनी है। किसानों नेता कई बार डीएम और जनप्रतिनिधियों से समस्या के निदान की मांग कर चुके हैं। हादसे के पीछे कहीं न कहीं संबंधी विभाग भी जिम्मेदार हैं।

हसवा ब्लॉक के टीसी गांव के पास ड्रेनेज खंड की ओर से एक दशक पहले बांध बनाए गए थे। शुरुआती समय पर सब ठीक-ठाक था। बीते कई सालों से मलवां से लेकर शहर तक का गंदा पानी बांध तक पहुंचता है। पानी बांध में ओवरफ्लो हो जाता है। पानी ठहराव की वजह से अतरहा, मोहनपुर, एकारी, टीसी, सहजादेपुर गांव के किनारे हिस्सों से जुड़े सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो जाते हैं।

इन खेतों पर फसल की जगह जलकुंभी फैल जाती है। खेतों पर एक से दो फिट तक पानी भरा रहता है। प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं से किसान हर साल किसान बर्बादी का दर्द बयां करते है, लेकिन आश्वासन के कुछ हाथ नहीं लगता है। ड्रेनेज खंड इस माइनर की सफाई नहीं कराता है। हर मौसम में पानी भर रहता है।

कोट्स

किशोर की मौत का मामला संज्ञान में नहीं है। हर तीन साल में ड्रेनेज की सफाई कराई जाती है। खेत पर जलकुंभी काफी फैली है। जेई को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी। अजय गुप्ता-एसडीओ ड्रेनज खंड

कोट्स

किसान के पुत्र मौत पर किसान यूनियन परिवार के साथ है। शीघ्र ही मामले को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। डीएम से मिलकर समस्या हल कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर ट्रेन रोकने जैसा प्रदर्शन भी किया जाएगा। राजेश सिंह चौहान- राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन

कोट्स

हादसे की जानकारी नहीं है। डूबने से मौत हुई है तो परिवार को दुर्घटना राशि मिलेगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि होने पर पांच लाख का लाभ परिजनों को मिल सकेगा। ईवेंद्र कुमार- तहसीलदार सदर



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