औंग। बाढ़ के सैलाब ने कटरी वासियों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। गंगा का जलस्तर बुधवार को और बढ़कर 101.160 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर है। खासतौर पर बिंदकी फार्म के लोगों ने बुधवार को घर छोड़कर राहत शिविर की ओर रुख करना शुरू कर दिया। फार्म के छह परिवार राहत शिविर पहुंचे। वह अपने साथ तंबू, तिरपाल, बांस-बल्ली लेकर पहुंचे। कई परिवारों के रात तक पहुंचने की बात कही गई। वहीं, कालीकुंडी के सभी ग्रामीण परिवार के साथ गृहस्थी, मवेशी, समान लेकर दरियापुर बांगर पहुंच गए हैं। उन्हें दरियापुर बांगर में 20 साल पहले सरकार से आवास मिल चुके हैं।
मछुआरों की नाव का सहारा लेकर बिंदकी फॉर्म के बाढ़ पीड़ित पांडु नदी की जलधारा से महुआ घाटी बाढ़ राहत शिविर पहुंच रहे हैं। मवेशियों के बच्चों को नाव से निकाल रहे हैं। उन्हें बुधवार को अपने ही ओर से रहने और खानपान की व्यवस्था करनी होगी। इसमें रामकिशोर, राजू, अचल बहादुर, अमरनाथ, नंदकिशोर, चंडिका पहुंच चुके हैं। अन्य 10 परिवारों को बाढ़ राहत शिविर पहुंचना है। लेखपाल शुभम सिंह ने बताया कि पन्नी, बल्ली, तिरपाल मंगाया जा रहा है। गुरुवार से राशन सब्जी सभी जरूरी सामान बाढ़ राहत शिविर में वितरित किए जाएंगे।
बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित गांव
– काली कुंडी, रामघाट, बेरीनारी, बेनीखेड़ा, जाड़े का पुरवा, अवसेरी खेड़ा, सदनहा, बिंदकी फॉर्म बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं। काली कुडी गांव तीसरी बार पानी में बह गया है। झोपड़ियां जल समाधि ले चुकी हैं।
– यह गांव आशिक प्रभावित
दरियापुर बांगर, दरियापुर कटरी, मदार खेड़ा ,माल्लूखेड़ा, बंबुरी खेड़ा ,नया खेड़ा, पंचघरा, बड़ा खेड़ा आंशिक रूप से प्रभावित हैं।