औंग। गंगा का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। पानी उफनाता हुआ गांवों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। मलवां और देवमई ब्लॉक के बिंदकी फार्म, जाड़े का पुरवा, बेनीखेड़ा, अभयपुर, रानीपुर, छिवली, गलाथा, कौडिय़ा, बेरीनारी, रामघाट गांव के किसानों की करीब 200 हेक्टेयर फैसलें जलमग्न हो चुकी हैं। शनिवार को एडीएम ने जाड़े का पुरवा का दौरा करके बाढ़ की स्थिति देखी और जरूरी इंतजाम के निर्देश दिए।

बिंदकी फार्म, बेनीखेड़ा, जाड़े का पुरवा गांव खतरे की जद में हैं। प्रशासनिक अमला तमाशबीन बना हुआ है। अभी तक बाढ़ राहत शिविर तक भी किसी को नहीं पहुंचाया गया है। सरकारी नाव व नाविकों का अता-पता नहीं है। वर्तमान में गंगा और पांडु नदी के दोआबे में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। शनिवार को एडीएम विनय कुमार पाठक बाढ़ की हकीकत जानने जाड़े का पुरवा गांव पहुंचे। मौके पर नायब तहसीलदार बिंदकी रवि कुमार, हल्का लेखपाल शुभम सिंह, अभिषेक शिवहरे मौजूद रहे। बाढ़ की विनाश लीला को एडीएम ने दरिया किनारे खड़े होकर देखा।

गंगा और पांडु नदी की कटरी में किसानों ने धान, तिल्ली, मिर्च, गोभी, परवल, लोबिया की फसलें बोई थीं। रानीपुर गांव के धनंजय सिंह, बसंती देवी, ललिता देवी, इतवारी, रामरानी, सुनैना, अनीता, राम सिंह, मनोरमा, फूलमती, रूपा, विद्या सुमन, पार्वती इन सभी को प्रशासन ने खेती के लिए जमीन पट्टे पर दी है। गलाथा गांव के होरीलाल, बलमा, सत्य नारायण निषाद, शिव गोविंद सिंह परिहार, राम प्रसाद तिवारी, राम शंकर सैनी, ननकई निषाद, दिनेश परिहार कौडिय़ा गांव के कामता निषाद, बबली दीक्षित, राम कुमार दीक्षित, अभयपुर गांव के छत्रपाल यादव, सुखराम विश्वकर्मा, हीरामणि, रानी, नीतू, छिवली गांव के गोरे यादव, रामघाट बेरी नारी गांव के हरवंश निषाद, सहदेव निषाद, सुरेश निषाद, रिंकू निषाद, मणिलाल, झंडू, रामनारायण अन्य किसानों की फसलें डूब चुकी हैं।

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कोट

अभी गांव में खतरे जैसी स्थिति नहीं है। प्रशासन बराबर मॉनिटरिंग कर रहा है। किसानों की फसलें खराब हुई हैं। पानी सिमटने के बाद राजस्व टीम आकलन करेगी। इसके आधार पर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

– विनय कुमार पाठक, एडीएम।



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