इटावा। तीन दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। दिव्यांगों को सरकार से मिलने वाली सुविधा का लाभ भी मिलता है। जनपद में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 11,402 दिव्यांग हैं, इनमें 9442 को पेंशन मिल रही है। बस और ट्रेन में भी सफर की सुविधा मिलती है, नौकरी में चार प्रतिशत का आरक्षण मिला है। ज्यादातर दिव्यांगों का आरोप है कि उन्हें फिर भी हर सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।
जिला विकलांग एसोसिएशन के मंत्री संतोष कुमार त्रिवेदी का कहना है कि 27 दिसंबर 2016 में बना दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सोमवार को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनता है, लेकिन प्रमाण पत्र तीसरे दिन मिलने से दिव्यांग के अलावा साथ आए लोगों का दो दिन खराब होता है। प्रमाण पत्र उसी दिन दे दिया जाए।
उन्हाेंने बताया कि दिव्यांगजन के भी वाहनों के लाइसेंस, आयुष्मान कार्ड बनाए जाए। रोडवेज की बसों में दिव्यांगों को या तो बैठाते नहीं हैं और अगर बैठा बी लें तो बाद में उतार देते है। ऐसा न किया जाए। ऋण के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन लोन पास नहीं होता। तीन महीने में होने वाली दिव्यांग बंधु की बैठक में संबंधित अधिकारियों के न आने की समस्या बताई। आरोप लगाया कि दिव्यांगों को दिव्यांगता प्रतिशत देने में मानवीय व्यवहार नहीं किया जाता। नौकरी से लेकर जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर पंचायत में दुकानों में भी आरक्षण नहीं मिलता।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार जाटव ने बताया कि रेलवे की यात्रा के लिए कार्ड बनवाने के लिए कानपुर जाना पड़ता है। इसके अलावा राशन कार्ड बनवाने के लिए भी भटकना पड़ता है। पढ़े लिखे दिव्यांगों को रोजगार दिलाया जाए।