फोटो-12- अधिकारियों से बातचीत करते भाकियू के पदाधिकारी। संवाद
– रिन्द नदी पर प्रस्तावित पुल के स्थल को बदलने का विरोध कर रहा भाकियू का टिकैत गुट
– किसान नेताओं ने 15 दिनों में हल न निकलने पर फिर जोरदार प्रदर्शन की दी चेतावनी
संवाद न्यूज एजेंसी
बहुआ। ललौली क्षेत्र के कुंहू का डेरा गांव से जाफरगंज के रामपुर के बीच रिन्द नदी पर प्रस्तावित पुल का स्थान बदलने के विरोध में भाकियू टिकैत गुट का चल रहा धरना प्रदर्शन 11वें दिन तहसीलदार के आश्वासन पर समाप्त हो गया। तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि वह आलाधिकारियों से वार्ता करके कोई न कोई हल जरूर निकालेंगे। वहीं, किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों में समस्या का हल नहीं निकाला तो प्रदर्शन आगे भी किया जाएगा।
किसानों का कहना है कि रिन्द नदी पर कुंहू का डेरा और जाफरगंज के रामपुर के बीच पुल प्रस्तावित है लेकिन सेतु निगम ने अब जाफरगंज के रणमस्तपुर और नरैचा के बीच पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें सिर्फ चार से पांच गांवों को ही फायदा मिलेगा, जबकि पूर्व में प्रस्तावित स्थान पर पुल बनने से 60 से अधिक गांवों को लाभ होगा। इसी मांग को लेकर भाकियू का टिकैत गुट किसान और ग्रामीण के साथ सात अगस्त से बांदा-कानपुर हाईवे किनारे खुरमानगर मोड़ पर धरना-प्रदर्शन कर रहा है।
बिंदकी तहसीलदार जगदीश सिंह गुरुवार को ललौली थानाप्रभारी संतोष सिंह, गाजीपुर थानाध्यक्ष विनोद कुमार मिश्रा, जाफरगंज थानाप्रभारी अखिलेश कुमार फोर्स के साथ धरना स्तर पर पहुंचे। वार्ता का प्रयास किया लेकिन किसान नेता सांसद, मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और सेतु निगम के अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए। बाद में काफी समझाने पर दोनों पक्षों में बात हुई। बिंदकी तहसीलदार जगदीश सिंह ने किसानों से 15 दिन का समय मांगा। आश्वासन दिया कि इस बीच आलाधिकारियों से बात करके कोई न कोई हल निकाला जाएगा। इस आश्वासन के बाद शाम को धरना समाप्त हो गया।
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि 15 दिनों के भीतर प्रशासन कोई हल नहीं निकालता है तो दोबारा सड़क जाम कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। धरने का नेतृत्व भाकियू मंडल अध्यक्ष रामसहाय पटेल कर रहे थे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अशोक उत्तम, जिला महासचिव नवल पटेल, जिला मीडिया प्रभारी कमलेश मिश्रा, जिला सचिव जयसिंह यादव, तहसील अध्यक्ष कप्तान सिंह, जिला पंचायत सदस्य संदीप यादव, खुरमानगर प्रधान मनीष शुक्ला, प्रधान धरवेश सिंह, प्रधान आजाद खान, संत कुमार निषाद, सुरेंद्र पटेल, कल्लू सिंह, रामआसरे आदि मौजूद रहे।