किशनपुर। विजयीपुर ब्लाॅक के यमुना तटवर्ती गांवों के रास्तों की हालत बरसात में बद से बदतर हो गई है। गांव जाने वाले रास्ते दलदल में बदल चुके हैं और गांव की गलियां तालाब जैसे दिखाई पड़ती हैं।

पहाड़पुर, जालंधरपुर, मड़ौली, गढ़ीवा, बहियापुर, टुटहवा पुरवा गांव के करीब 20 हजार लोगों को ऐसे हालात में आवागमन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि मुख्य मार्ग अभी तक पक्के नहीं बन सके। मिट्टी की सड़क बरसात होने के कारण दलदल में बदल चुकी है और जिससे पैदल या वाहन से निकलना बेहद ही मुश्किल है। नरौली की गलियों में गांव के अंदर पानी भरा है। इससे निकलकर लोग आते-जाते हैं। बच्चे भी कीचड़ से भरे रास्ते से होकर स्कूल आते-जाते हैं।

पीडब्ल्यूउी के एक्सईएन अनिल कुमार का कहना है कि यह पता लगाया जाएगा कि यह सड़क किसके अधिकार क्षेत्र की है। यदि हमारे विभाग की होगी तो प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा और जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा। यदि ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग की हुई वे इस बारे में बताएंगे।

फोटो-23-धर्मेंद्र दीक्षित

बहियापुर गांव निवासी समाजसेवी धर्मेंद्र दीक्षित का कहना है कि यमुना तटवर्ती गांवों की सड़कों की दुर्दशा प्रशासन के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों नहीं दिख रही। किसी ने किसी माध्यम से शिकायतें उन तक पहुंच रही हैं। इसके बावजूद सड़कों का हाल वैसे का वैसा है।

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फोटो-24-विकास यादव

सेमरिया गांव निवासी विकास यादव कहते हैं कि रोजमर्रा की चीजों के लिए गांव से कई बार किशनपुर आना-जाना पड़ता है। सड़क ध्वस्त होकर दलदल में बदल चुकी है। चंद मिनट की यात्रा पूरी करने में घंटेभर लग जाता है। इससे गांव से आने जाने में लोग कतराते हैं। हादसे का डर भी बना रहता है।

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