फोटो-25-पुल की सड़क तोड़ती जेसीबी
फोटो-26-पैदल पुल पार कर रहे यात्री। संवाद
फोटो-27-पुल से आवागमन के लिए लगी बैरीकेडिंग। संवाद
– ललौली पुल पर यातायात का घटेगा लोड, मार्च तक यातायात व्यवस्था होगी दुरस्त
– अभी 50 प्रतिशत मरम्मत का कार्य पूरा, सिर्फ पैदल निकलने की सुविधा
मो. शहीद
फतेहपुर(बहुआ)। ललौली रूट पर लोगों को जल्द जाम की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। दिसंबर तक बेंदा यमुना पुल छोटे वाहनों के आवागमन के लिए खुलेगा। इससे ललौली पुल पर यातायात का भार कम हो जाएगा। जिससे की काफी हद तक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। मार्च तक बेंदा पुल के मरम्मत का काम पूरा होने पर ललौली रोड पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर आ जाएगी। अभी तक 50 प्रतिशत मरम्मत का काम पूरा हो पाया है।
बेंंदा यमुना घाट पर 43 साल पहले पुल का निर्माण हुआ था। 24 पिलर वाले इस पुल का निर्माण 1972 से शुरू होकर 1980 में पूरा हुआ था। इस दौरान जिले से बुंदेलखंड को जोड़ने वाला यह एक मात्र पुल था। 2018 में पुल की बीम खिसकी, लेकिन मरम्मत के बाद कार्यदायी संस्था ने आवागमन शुरू करा दिया था।
2022 में पुल की सड़क धंस गई। एनएचएआई ने मरम्मत कराकर आवागमन सुचारू कराया। कुछ ही दिन बाद दतौली-बेंदा फिर से क्षतिग्रस्त हुआ, तो पुल पर मरम्मत का काम जून से शुरू कराया गया। मरम्मत के लिए चार माह सितंबर तक निर्धारित था। एनएचएआई ने मरम्मत की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था सन फील्ड मोरेर इंडिया कंपनी को सौंपी है। अब पुल मरम्मत का काम पूरा कराने के लिए नवंबर तक का समय दिया गया है।
इनसेट
मार्च से बंद है आवागमन
सेतु निगम प्रयागराज और दिल्ली से सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की सर्वे टीम ने दतौली पुल को जर्जर घोषित कर रखा है। ऐसे में प्रशासन ने मार्च से भारी वाहनों के आवागमन के लिए रोक लगा रखी है। भारी वाहनों को बहुआ कस्बे से ललौली होकर चिल्लापुल से डायवर्ट किया गया है, जिससे इस मार्ग पर चार से छह घंटे प्रतिदिन जाम लग रहा है। यह समस्या बहुआ और ललौली कस्बे के लिए परेशानी का सबब बनी है।
कई जिलों के लोगों को उठानी पड़ती है परेशानी
क्षतिग्रस्त दतौली-बेंदा पुल की मरम्मत में देरी से बांदा, हमीरपुर, अजयगढ़, सतना, चित्रकूट, महोबा, कबरई, रायबरेली, लालगंज, लखनऊ, कानपुर समेत प्रमुख शहरों का आवागमन करने वाले वाहनों को यमुना नदी के चिल्ला पुल और औगासी पुल से आना जाना पड़ता है। इससे वाहन चालकों को प्रतिदिन तीन से 10 घंटे तक जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
पैदल पुल पार करना मजबूरी
बांदा जनपद के बेंदा ग़ांव में यमुना नदी किनारे प्रसिद्ध स्थान मां काली देवी का मंदिर है। यहां जिले के अलावा मुत्तौर, दतौली, गढ़ी, कोर्राकनक, ओती, ओनई, समदपुर, सिधांव, बहुआ आदि बड़ी तादाद गांवों के हजारों श्रद्धालु यमुना पार प्रतिदिन पूजन के लिए आते हैं। पुल से किसी भी वाहन का आवागमन बंद होने के लोगों को पैदल पुल पार करना पड़ रहा है।
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कोट्स
पुल मरम्मत का बकाया काम संस्था सन फील्ड मोरेर इंडिया लिमिटेड कंपनी करा रही है। अभी 50 प्रतिशत काम पूर्ण हुआ है। नवंबर के अंत तक पुल के ऊपरी भाग का काम पूरा हो जाएगा। नीचे के भाग काम होता रहेगा। दिसंबर में लोड टेस्ट कराकर छोटे वाहनों के लिए पुल खोल दिया जाएगा। बड़े वाहनों के लिए पुल खोलने में मार्च तक का समय लग सकता है। -आयुष्मान कुमार, इंजीनियर, एनएचएआई
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