असोथर। दीवार ढहने के मलबे में दबकर युवक की मौत हो गई। पास में ही सो रहे दो भाई बाल-बाल बचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हादसा मंगलवार रात हुआ।

थानाक्षेत्र के बिलारीमऊ गांव निवासी सोनू रैदास (23) रात को परिवार समेत घर में सो रहा था। रात करीब दो बजे दीवार भरभरा कर ढह गई। छप्पर के नीचे सो रहा सोनू दब गया। कुछ दूरी पर सोनू का छोटा भाई अमित कुमार (20), विनय कुमार (18) सो रहे थे। दीवार ढहने की आवाज से दोनों की नींद खुली।

मलबे में भाई को दबा देखकर दोनों शोर मचाते हुए बाहर आए। आसपास के लोगों की मदद से मलबा और छप्पर हटाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। हादसे से मां भगवनिया देवी का हाल-बेहाल हो गया।

मां ने बताया कि वह दूसरे कमरे में सो रही थीं। मृतक की पत्नी रोशन देवी घरेलू विवाद के चलते एक साल से मायके में रह रही थी। हादसे की खबर पर गांव पहुंची। मृतक के कुल चार भाई थे। सबसे बड़े गोलू की तीन साल पहले मौत हो चुकी थी। गोलू की सगाई भी तय हो चुकी थी। उसकी दो शादीशुदा बहन अंजू देवी व ननकी हैं। पिता राममनोहर की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। मृतक के हिस्से में पट्टे की 10 बिस्वा जमीन है। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था।

इनसेट

हादसे से 10 मिनट पहले घर लौटा था

दीवार ढहने में जान गंवाने वाला सोनू अपने घर करीब 10 मिनट पहले लौटा था। वह कुछ देर बाद घर आता तो शायद अनहोनी टल जाती। मृतक के भाई अमित कुमार ने बताया गांव में रात को कीर्तन भजन था। भजन सुनकर हादसे से 10 मिनट पहले भाई लौटा था। वह छप्पर के नीच जाकर लेट गया था।

इनसेट

परिवार को नहीं मिला आवास योजना का लाभ

परिवार को आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका था। आवास मिला होता तो शायद सोनू की जान नहीं जाती। ग्रामीणों में चर्चा रही कि परिवार को क्षेत्रीय राजनीति के चक्कर में आवास नहीं मिल सका था। प्रधान पति व ग्राम रोजगार सेवक मेवालाल ने बताया कि आवास प्लस में नाम जोड़ गया है। मृतक के पिता को सन् 2000 में आवास मिला था। इसी वजह से परिवार को दोबारा नहीं मिला। लेखपाल सुरभूप पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने सरकार से मिलने वाली योजना का लाभ दिलाने का परिवार को आश्वासन दिया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *