फतेहपुर। न मंजिल, न ठिकाना, सड़क पर ही रहने की ठाना। यह स्थिति शहर की सड़कों पर दौड़ने वाले ई-रिक्शों की है। अभी तक ई-रिक्शों के लिए शहर में कहीं स्टैंड की व्यवस्था और कोई रूट निर्धारित नहीं है। ई-रिक्शे हर समय सड़कों पर डेरा जमाए रहते हैं। इनकी वजह से दिनभर मुख्य सड़कों पर जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रहती है।
ढाई लाख आबादी वाले शहर में करीब 10 हजार ई रिक्शे हैं। 50 फीसदी ई-रिक्शों का परिवहन विभाग में पंजीयन तक नहीं है। इतनी बड़ी संख्या में ई-रिक्शों को खड़ा करने के लिए पूरे शहर में कोई स्थान चिह्नित नहीं है। ई-रिक्शे 24 घंटे सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। ई-रिक्शों के लिए अभी तक कोई रूट भी निर्धारित नहीं है। जिस रिक्शे को जहां के लिए सवारी मिलती हैं, वह वहीं के लिए निकल पड़ता है।
सवारी मिलने के संभावित स्थानों पर ई-रिक्शे हर समय आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं। जिला अस्पताल के सामने, कचहरी, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, बाकरगंज चौराहा, अशोक नगर बस स्टैंड, जयरामनगर बस स्टैंड, चौक चौराहा, हुसैनगंज बस स्टैंड हाईवे के नीचे हर समय बड़ी तादाद में ई-रिक्शे खड़े होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। इन स्थानों से बाइक सवार भी नहीं निकल सकते हैं। सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े 10 और शाम 4 बजे से 6 बजे तक मुख्य मार्ग सिर्फ ई-रिक्शाें से पटे रहते हैं।
जिला अस्पताल के सामने ई-रिक्शों के कारण मरीजों की जान सांसत में रहती हैं। गंभीर मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंस और निजी वाहनों को आड़े तिरछे खड़े ई-रिक्शो के कारण अस्पताल के अंदर घुसना मुश्किल होता है। अस्पताल गेट के बाहर खड़े यातायात पुलिस से डंडा खटकाने के बाद ऐसे वाहन अंदर प्रवेश नहीं कर पाते हैं। यहां पर एंबुलेंस व निजी वाहनों को काफी देर तक गेट में प्रवेश करने के लिए खड़ा होना पड़ता है।
जिला अस्पताल के सामने, कचहरी, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, बाकरगंज चौराहा, अशोक नगर बस स्टैंड, जयराम नगर बस स्टैंड, चौक चौराहा, हुसैनगंज बस स्टैंड हाईवे के नीचे, बर्मा चौराहा समेत अन्य स्थानों पर ई-रिक्शा काफी संख्या में खड़े होते हैं।
ई रिक्शा स्टैंड बनाने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। शहर के कई स्थानों पर जमीन देखी भी गई है। उपयुक्त स्थान पर जल्द ही ई रिक्शा स्टैंड बनाया जाएगा। इसके साथ ही ई-रिक्शों के लिए रूट चयन की प्रक्रिया पूरी होगी।
-राजकुमार मौर्य (एडवोकेट), चेयरमैन नगर पालिका