फतेहपुर। हाईवे पर लंबे समय से पशु तस्करों का गठजोड़ चल रहा है। प्रयागराज से लेकर उन्नाव तक नेटवर्क संभालने वाले एक पूर्व प्रधान पर तस्करी का आरोप लगा है। प्रकरण की शिकायत यूपी पुलिस के ट्विटर एकाउंट पर की गई है। इसके बाद पुलिस हरकत में आई है। सीओ सिटी वीर सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है।

प्रयागराज का सिंडीकेट तस्करी की कुछ सालों तक पूरी कमान संभाले था। पूर्व प्रधान राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त होने के बाद सिंडीकेट में जा घुसा। खुद को प्रभावशाली बताकर सिंडीकेट की बागडोर अपने हाथ में ले रखी है। प्रयागराज का सिंडीकेट चलाने वाले कौशांबी जिले के कड़ा धाम थानाक्षेत्र के हैं। उनकी शहर के मसवानी माेहल्ले में गहरी पैठ है। उनके मसवानी मोहल्ले में कई गुर्गे रहते हैं। इन गुर्गों को पूर्व प्रधान शिकंजे में लेकर नेटवर्क चला रहा है। ट्विटर पर पूर्व प्रधान की शिकायत की गई है। इसके साथ मसवानी के तस्कर का जिक्र किया गया है।

बताया गया है कि जिले की एक बाजार से उन्नाव तक मसवानी के तस्कर की नाम की एंट्री थानों से वसूली जाती है। पूर्व प्रधान पशु तस्करी की आड़ में प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी करता है। पिछले दो से तीन साल में पूर्व प्रधान ने अकूत संपत्ति बनाई है। ट्वीट पर फतेहपुर पुलिस की ओर से कहा गया है कि प्रश्नगत आरोपों को संज्ञान में लेकर सीओ सिटी को आरोपी की संलिप्तता एवं गतिविधियों की गहनता से जांच कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई को निर्देशित किया गया है।

इनसेट

एसटीएफ की कार्रवाई में 13 पुलिस कर्मी फंसे थे

पशु तस्करी में जिले का सालों से इस्तेमाल हो रहा है। कुछ दिन पहले इसी नेटवर्क में शामिल कौशांबी कौड़ियार का सपा का पूर्व ब्लाक प्रमुख मुजफ्फर और उसके भतीजे समेत चार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। वह प्रतिबंधित पशुओं से भरा कंटेनर हाईवे से पास करा रहा था। कंटेनर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसी दौरान पुलिस के पहुंचने पर मुजफ्फर का भतीजा भाग निकला था। करीब तीन साल पहले एसटीएफ ने तस्करों के सिंडीकेट का भंड़ाफोड़ किया था। जिले के सीओ के ड्राइवर, दरोगा, थानाध्यक्ष समेत 13 पुलिस कर्मी निलंबित हुए थे।



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