फतेहपुर/औंग। गंगा और पांडु नदी की बाढ़ से करीब 1500 हेक्टेयर में लगी सब्जी और फूल की फसलें नष्ट हो गईं। इसी के साथ अच्छी फसलों से ज्यादा मुनाफे की उम्मीद भी बाढ़ बहा ले गई। फसलें नष्ट होने का असर बाजार पर अभी से दिखने लगा है। आने वाले समय में सब्जियों और फूलों के दाम और बढ़ेंगे। फतेहपुर के साथ उन्नाव और कानपुर की मंडियां प्रभावित होंगी।

गंगा और पांडु नदी का दोआबा 20 साल पहले तक चटरी और मटरी की उपज तक सीमित रहा, लेकिन अब इसकी पहचान हरी सब्जियां और फूलों की पैदावार से होती है। कटरी क्षेत्र में फूल, सब्जी, मिर्च, मसाले की खेती खूब होती है। खीरा, ककड़ी, खरबूज और खरबूजे की मिठास के लिए भी यह इलाका जाना जाता है। गंगा और पांडु नदी से लगे गांवों में बहुतायत लोग निषाद बिरादरी के हैं। व्यवसायिक खेती, मवेशी पालन, दुग्ध उत्पादन इनका मुख्य पेशा है। इसी से होने वाली आमदनी से यह परिवार चलाते हैं। अच्छी फसलें होने पर आमदनी बढ़ती है तो तीज-त्योहार के साथ ही शादी समारोह भी अच्छे से होते हैं।

करीब दो हजार किसानों की आजीविका से जुड़ा कटरी का यह क्षेत्र इस बार बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिरा हुआ है। पानी का सैलाब इनका सब कुछ समेट ले गया। बाढ़ से तैयार फसलें नष्ट हो चुकी हैं। आगे की फसलों की बोआई विलंब से होगी। इससे उनकी पैदावार भी प्रभावित हो सकती है। इधर, कटरी की फसलें नष्ट होने से सब्जी, मिर्च, मसाले, फूलों के भाव में तेजी आ गई है। 10 दिन पहले प्रति किलो मिर्च 40, धनिया 60, टिंडा, कद्दू ,तरोई, लौकी मिर्च भिंडी 20 रुपये प्रति किलो तक बिक रही थी। अब मिर्च 100, धनिया 150 रुपये किलो हो चुकी है। सब्जियों के भाव भी दोगुने हो गए हैं।

…………………………

सब्जियों की यह फसलें होती हैं

लौकी, कद्दू, तरोई, परवल, कुंदरू, टिंडा, चंचीडा, लोबिया, करेला, खुर्ती, बांकला, भिंड़ी, शलजम, चुकंदर, मूली, फूलगोभी, बंद गोभी, गाजर, खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, मिर्च व मसाले में लहसुन, हल्दी, धनियां, जवाइन, सौंफ, मेथी, पुदीना की भरपूर उपज होती है। इसके अलावा फूलों में गेंदा, गुलाब, गुलदावरी, जाफरी के फूलों की खेती होती है। यह फूल कुछ दिन पहले तक 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहे थे। अब 80 से 140 रुपये किलो बिक रहे हैं। सावन के सोमवार पर लगने वाले फूलों के बाजार में बढ़े भाव का असर भी दिखा।

…………………………

यहां होती है खपत

– प्रयागराज मुंडेरा मंडी, फतेहपुर सब्जी मंडी, बिंदकी सब्जी मंडी, कानपुर की चकरपुर, रामादेवी सब्जी मंडी, देवमई, खदरा, औंग, शिवराजपुर, चौडगरा, उन्नाव।

…………………………

नष्ट फसलों का क्षेत्रफल:-

– 1000 हेक्टेयर: भिंड़ी, तरोई, लौकी, परवल, कुंदरू, मिर्च, करेला, हल्दी की फसलें।

– 250 हेक्टेयर: फूलगोभी, पत्ता गोभी, ककड़ी, खीरा, बैंगन, मूली, धनियां, टमाटर, शलजम, चुकंदर आदि की फसलें।

250 हेक्टेयर: गेंदा, गुलदावरी, गुलाब, जाफरी आदि के फूल की खेती।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *