संवाद न्यूज एजेंसी

फतेहपुर। शैलेंद्र साहित्य सरोवर ने रविवार को मुराइनटोला हनुमान मंदिर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कवि गोष्ठी में केपी सिंह ने सरस्वती वंदना के बाद पढ़ा कि पितरों का तर्पण करें, दें उनको जल अन्न। उनके शुभ आशीष से, जीवन हो संपन्न।

गोष्ठी में डॉ. सत्य नारायण मिश्र ने पढा़ कि कर्म ही मानव का अधिकार, इसीमें निहित मनुज पुरुषत्व। इसी के कारण तो सब लोग, समझते ईश्वर में सब तत्व। धीरेंद्र पाल ने पढा़ कि कद्र समय की जो करे, उसके बनते काम। हंसी खुशी जीवन कटे, होता जग में नाम। श्रवण कुमार पांडेय पथिक ने पढ़ा कि सच पूछिए तो अब बेहद जरूरत है नारी वर्ग की नग्नता में विराम की।

सुंदरम सोनी ने पढा़ कि तेजस ओजस संग मिल, विजय दिलाएं जंग। चीर वायु को आसमां, फैलाते त्रय रंग। रवींद्र पाल सिंह कौशल ने पढा़ कि मन लागा है तोरी सुरतिया मा। चितवन चारु नील नभ सोहैं, नयनन केरी पुतरिया मा। दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने पढा़ कि अजायब के बेटे, आनंदी के नंदन, तुम्हारी कलम से वतन हिल गया। बड़े भाग्य हैं पूरे हिंदी जगत के ,ज्यों कंगाल को कल्प तरु मिल गया।

दीप चंद्र गुप्ता ने पढ़ा कि आसमान के वीर लड़ाको, हमको तुम पर नाज। विजय सुनिश्चित सदा कराते, करके उत्तम काज। नरेंद्र कुमार ने पढा़ कि सबको करना चाहिए, पितरों का सम्मान। सभी समस्याओं का होगा सफल निदान। अनिल कुमार श्रीवास्तव ने पढ़ा मैं चला उस तरफ जिस तरफ वो गए, मिल गया आशियां, औ उन्हें पा गया। कार्यक्रम संयोजक शैलेंद्र कुमार द्विवेदी ने पढ़ा कि अन्न और जल दान कर, करिए पितर प्रसन्न, पर जीवित मां बाप ही, रहें न दुखी-विपन्न। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल कुमार श्रीवास्तव और संचालन शैलेंद्र कुमार द्विवेदी ने किया।



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