फतेहपुर/अमौली। नोन नदी के पुनरुद्धार को मजबूती प्रदान करने के लिए 10 हजार पौधे लगाने का संकल्प प्रधान पूरा नहीं कर पाए। नदी किनारे के आधे से अधिक पौधे सूखी टहनियों में बदल गए हैं। कई उखड़कर समाप्त हो चुके हैं। इस लारवाही की जानकारी जब खंड विकास अधिकारी के कानों तक पहुंची तो वह जांच कराने की बात कह रहे हैं।

पौधरोपण अभियान के तहत विधायक राजेंद्र पटेल, जिलाधिकारी श्रुति, सीडीओ सूरज पटेल के साथ ब्लाक प्रमुख सुशीला सिंह ने पौध रोपित कर वृहद पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया था। विधायक ने इस मुहीम को तिरहार क्षेत्र के लिए वरदान बताया था। पौधे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को सौंपी थी। जिलाधिकारी ने पर्यावरण को सुरक्षित करने का आह्वान करते हुए कहा था कि जैसे हम अपनी संतान के लिए अंत तक चिंतित रहते हैं, उसी तरह हमें पौधों के लिए भी चिंतित रहना चाहिए। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की चिंता पर प्रधानों ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसका नतीजा यह है कि 10 हजार पौधों में आधे से ज्यादा सूख चुके हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के संकल्प पर पानी फिर गया है।खंड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह ने बताया कि नदी किनारे लगाए गए पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी प्रधानों को दी गई थी। पौधे अगर सूख गए हैं तो यह बड़ी लापरवाही है और इसकी जांच कराई जाएगी।

इनसेट

23 किलोमीटर के दायरे में मनरेगा के तहत हुआ था पौधरोपण

तेईस किमी लंबाई में मनरेगा एवं जनसहयोग से खोदाई कराकर नोन नदी को नया स्वरूप प्रदान किया गया। किनारे की मिट्टी का कटान रोकने के लिए पौधरोपण किया गया। उसी के तहत वन विभाग ने 10 हजार पौधे ग्राम प्रधानों को दिए। नदी किनारे गौरी औरा, चांदपुर, औरा निस्फी, सिकंदरपुर, सरहन बुजुर्ग मानेपुर में पौधे तो लग गए, लेकिन उनका रखरखाव न होने के कारण आधे से अधिक पौधे सूख गए हैं। कही पर उनकी टहनी दिख रही है, तो कही पर केवल खाली स्थान दिख रहा है।



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