फतेहपुर। प्रधानाचार्य के उत्पीड़न से तंग छात्रा डीआईओएस दफ्तर में फूट-फूटकर रोई। गुरुवार सुबह से दोपहर एक बजे तक डीआईओएस के इंतजार में बैठी छात्रा के सब्र का बांध फूट गया और फफक कर बोली लगता है कि इसी दफ्तर में आत्महत्या कर ले।
बिंदकी तहसील क्षेत्र के अमौरा निवासी अवधेश कुमार की पुत्री आस्था दीक्षित समाज कल्याण के छात्रावास में रहकर विश्वभारती गर्ल्स इंटर कालेज कचहरी रोड में कक्षा 11वीं की छात्रा है। 20 सितंबर को अचानक तबीयत खराब होने के कारण अर्चना को नर्सिंग होम में भर्ती होना पड़ा।
लंबे इलाज के बाद करीब तीन महीने बाद स्कूल पहुंची तो प्रधानाचार्य ने कक्षा में बैठने नहीं दिया और डीआईओएस से अनुमति लाने को कहा। छात्रा ने बताया कि उसकी अब तक की फीस जमा है। उसका पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
बताया कि कई दिन से डीआईओएस कार्यालय के चक्कर लगा रही है, लेकिन डीआईओएस से मुलाकात नहीं हो रही। गुरुवार सुबह 10 बजे से बैठी है। डीआईओएस शिवपूजन द्विवेदी ने बताया कि किसी छात्रा की पढ़ाई में बाधा डालना दंडनीय अपराध की श्रेणी में है। प्रधानाचार्य को छात्रा को स्कूल में प्रवेश देना पड़ेगा। छात्रा को परेशान होने की जरूरत नहीं है। वह किसी भी कार्यदिवस पर कार्यालय में उनसे मिल सकती है।