फतेहपुर। तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश ने शनिवार को शहर के लोगों की समस्या बढ़ा दी। करीब 200 गांवों की बिजली गुल हो गई और शहर की सड़कों पर जलभराव होने से आवागमन प्रभावित हुआ। मोहल्लों में जलभराव होने से नगर पालिका को पंपिंग सेट लगाना पड़ा। वहीं, बारिश से किसानों को बड़ी राहत मिली है। शनिवार को 82 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
शनिवार को सुबह से हो रही बारिश के कारण 200 गांवों की बिजली 15 घंटे से बंद है, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। उधर, लगातार बारिश होने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। धान की पीली पड़़ी फसलें लहलहा उठी हैं। छह अगस्त से रुक-रुककर बारिश जारी है। शनिवार तक 82 मिमी बारिश रिकार्ड हो चुकी। बारिश के कारण खलीलनगर, वीआईपी रोड, गंगा नगर में जलभराव हो गया है। इन स्थानों पर नगर पालिका की पंपिंग सेटों से पानी निकाला जा रहा।
रानी कालोनी में सीओ सिटी दफ्तर के सामने और सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज वीआईपी रोड के सामने सड़क पर घुटने तक पानी भरा है। जलभराव के कारण इन सड़कों से ई-रिक्शों का आवागमन बंद हो गया। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुई बारिश देर शाम तक होती रही। दिनभर लोग घरों में बैठे रहे। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। चौक बाजार और कलक्टरगंज में फाल्ट के कारण तीन घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही। अशोकनगर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक आपूर्ति बंद रही। बारिश से ग्रामीण क्षेत्र की आपूर्ति बाधित है। 15 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है और दो सौ से अधिक गांवों में आपूर्ति बंद है। विद्युत उपकेंद्र राधानगर ग्रामीण, बहुआ, ललौली, किशनपुर, असोथर, गाजीपुर के अधिकांश फीडऱ बंद हो चुके हैं। बारिश के कारण कर्मचारी फाल्ट ठीक नहीं कर पा रहे।
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फोटो-16-थरियांव में लहलहाती धान की फसल। संवाद
धान की फसल के लिए बरसा सोना
तीन दिन से हो रही बारिश खरीफ धान, ज्वार, बाजरा के लिए सोना साबित हो रही। पानी की कमी से पीली पड़ी धान की फसल लहलहाने लगी है। धान की फसल की रौनक बदलने से किसान के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। धान उत्पादक क्षेत्र असोथर, सरकंड़ी, बेसड़ी, ऐझी, बेरुई, कटरा में किसान धान के खेतों में दिख रहे हैं। किसानों का मानना है कि यह बारिश धान की फसल के लिए अमृत है।
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13 सितंबर तक बना रहेगा मौसम
मौसम की बेरुखी से चिंतित किसानों की उम्मीदों को एक बार फिर पंख लगे। जिले के कृषि मौसम विज्ञान केंद्र ने 13 सितंबर तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान लगाया है। बारिश का सिलसिला 13 तक चलेगा। जुलाई और अगस्त महीने में औसत से कम हुई बारिश के कारण धान की रोपाई काफी पिछड़ गई थी। अगस्त महीने में 289 मिमी औसत बारिश के सापेक्ष 168 मिमी बारिश हुई। जैसे तैसे नलकूप, नहरों से पानी भरकर किसानों ने रोपाई तो कर दी, लेकिन कम बारिश की वजह से फसल सूख रही थी। सितंबर में 160 मिमी बारिश होने का अनुमान है। इसके सापेक्ष 82 मिमी बारिश हो चुकी है। कृषि मौसम विशेषज्ञ वसीम खान ने बताया कि बारिश से किसानों को फायदा हुआ। सितंबर महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
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बोले किसान
फोटो- 14- आशीष भदौरिया
दतौली निवासी किसान आशीष भदौरिया ने बताया कि बारिश होने से धान की फसल को अमृत मिला है। बारिश न होने से फसल का विकास प्रभावित था, लेकिन तीन दिन की बारिश ने फसल की रौनक बदल दिया है।
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फोटो- 15-विनय तिवारी
वाहिदपुर निवासी किसान विनय तिवारी ने बताया नलकूपों से किसी तरह धान की सिंचाई कर रहे थे। बारिश होने से किसानों का सिचाई में आने खर्च बचेगा और मौसमी बारिश से पैदावार अच्छी होना तय है।
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