किशनपुर। बिजली संकट से परेशान किसानों ने शनिवार को बिजली उपकेंद्र का घेराव कर धरना दिया। जमकर नारेबाजी की। किसानों के उपकेंद्र पहुंचने से पहले जेई और एसडीओ वहां से चले गए। इससे किसानों का गुस्सा सातवें आसमान में पहुंच गया।

महेशपुर मठेठा गांव को चंदापुर उपकेंद्र से जोड़ने के बाद लोग पिछले करीब 12 घंटे से लाइन फाल्ट की समस्या से जूझते रहे। चंदापुर उपकेंद्र से मठेठा गांव को जाने वाली लाइन जंगल से होकर गुजरी है। इसी जंगल में अक्सर फाल्ट होता है। जंगल में फाल्ट समय से ठीक नहीं हो पाता। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक गुट के तहसील उपाध्यक्ष मठेठा ग्राम प्रधान सुदेश सिंह की अगुवाई में किसान धरने पर बैठ गए। मठेठा गांव के किसान अपनी लाइन पुराने फीडर से जोड़ने की मांग पर अड़े थे। थोड़ी देर बाद रारी गांव के किसान भी पहुंच गए और दोनों गांवों के बीच बहस शुरू हो गई।

मौके पर मौजूद अधिकारियों व संभ्रांत नागरिकों ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया। भाकियू की जिला सचिव छोटू परिहार ने दोनों गांव के किसानों को समझाते हुए बिजली आपूर्ति शुरू कराने का भरोसा दिलाया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग चंदापुर उपकेंद्र को खागा से न जोड़कर किशनपुर से बिजली दे रहा है। इससे आए दिन समस्या हो रही है और विभागीय अधिकारी समस्या सुनने को तैयार नहीं है। एसडीओ किशनपुर संजय कुमार ने बताया कि विश्व बैंक फीडर पर लोड के कारण मठेठा गांव को चंदापुर फीडर से जोड़ दिया गया है। चंदापुर बिजली उपकेंद्र बनने के बाद उससे लोड कम हो गया था। किसानों की समस्या के लिए लाइन के रास्ते का मुआयना कराया जाएगा।

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