धाता। पिछले 48 घंटे से जबरदस्त बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने गुरुवार को धाता उपकेंद्र का घेराव करके हंगामा किया। कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर कर्मचारियों से तीखी नोकझोंक हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन गुस्साए लोग पांच घंटे तक उपकेंद्र पर मौजूद रहकर नाराजगी जताते रहे। बाद में अधिकारियों ने आपूर्ति दुरुस्त कराने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया।

धाता और खरसेड़वा उपकेंद्र को कौशांबी जनपद के सिराथू से बिजली मिलती है। दोनों उपकेंद्रों से ऐरई, सेमरी, बम्हरौली, अढ़ौली, सोनारी, मखौवा, अहमदपुर कुसुंभा, रसूलपुर, बेलावा, बेनीपुर, रमपुरवा, भदियापुर, सरसौली सहित 100 से ज्यादा गांव जुड़े हुए हैं। इन गांवों में लंबे समय से बिजली की समस्या बनी हुई है। उमस भरी गर्मी के बीच चार घंटे की रोस्टिंग तो हो ही रही है साथ ही अघोषित कटौती भी जारी है। हाल यह है कि दिन भर में 10 घंटे बिजली मिल जाए तो बड़ी बात है। कई घंटे तक बिजली गुल होने पर जब उपकेंद्र अधिकारियों से ग्रामीण संपर्क करते हैं तो उन्हें सिराथू से आपूर्ति बंद होने की जानकारी दी जाती है। जर्जर तारों और ओवरलोड ट्रांसफार्मरों के कारण भी समस्या बनी रहती है।

बिजली न मिल पाने के कारण किसानों के ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। धान और दूसरी फसलों को पानी की जरूरत है लेकिन सिंचाई नहीं हो पा रही है। तेज धूप में फसलें पीली पड़ने लगी हैं। ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। बिजली आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार मांग भी उठाई लेकिन अधिकारियों ने कोरे आश्वासन से ही काम चला लिया।

इधर, दो दिन से हालात और ज्यादा खराब हुए तो गुरुवार को सोनारी फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं ने आक्रोशित होकर धाता उपकेंद्र का घेराव कर हंगामा किया। बिजली कटौती से निजात दिलाने की मांग की और उपकेंद्र बंद करने की चेतावनी दी। पांच घंटे तक उपकेंद्र में कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच कहासुनी होती रही। धाता जेई चंद्रमा प्रसाद यादव ने बताया कि सिराथू से गड़बड़ी होने या ऊपर कटौती होने पर ही बिजली आपूर्ति बंद होती है। वोल्टेज की समस्या भी सिराथू से ही है। ऐसे में आपूर्ति बांटकर देनी पड़ती है। पांच घंटे बाद उपभोक्ता शांत हुए।



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