फतेहपुर। बिजली विभाग में बड़ी संख्या में निजी लाइनमैन काम कर रहे हैं, इसकी पोल विभाग के अधिकारियों ने स्वयं खोल दी। हथगाम में लाइनमैन की करंट से मौत के मामले में विभाग के अधिकारी ने कहा कि वह संविदा में कार्यरत नहीं था। उसे पहले ही हटाया जा चुका है। वह कैसे काम कर रहा है, इसकी जांच हो रही है। इसका खुलासा होते ही सरकार के आदेश के पालन की भी पोल खुल गई है।

कलक्ट्रेट के गांधी सभागार में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति बुधवार को बिजली अधिकारियों के साथ बैठक लेने पहुंची थीं। उनके सामने बीते दिनों हथगाम क्षेत्र के लाइनमैन इंद्रसेन लोधी की मौत का मामला उठा। मुख्य अभियंता (प्रयागराज) प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि इंद्रसेन लोधी पूर्व में संविदा कर्मी था, वर्तमान में वह किसके आदेश पर काम कर रहा था, इसकी जांच कराई जाएगी।

इस पर मंत्री ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि लाइनमैन की मौत हुई है, इस मौत का जिम्मेदार कौन है। लाइनमैन संविदा कर्मी नहीं था तो वह किसके आदेश पर विभाग में काम कर रहा था। केंद्रीय मंत्री के सवाल पर मौजूद अधिकारी अपनी बगले झांकते नजर आए और संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मंत्री ने जिम्मेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया है। ये अकेले इंद्रसेन लोधी का मामला नहीं है। कई उपकेंद्रों में जेई और एसडीओ के मौखिक आदेश पर प्राइवेट लाइनमैन काम कर रहे हैं। उसके अलावा अन्य विभागों में भी निजी लोगों से सरकारी कामकाज लिया जा रहा है। जबकि राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि किसी भी सरकारी कार्यालय में निजी व्यक्ति से काम नहीं लिया जाए।

बता दें कि हथगाम थानाक्षेत्र के रगेहरा गांव निवासी इंद्रसेन लोधी (25) हथगाम उपकेंद्र के पट्टीशाह में लाइनमैन के रूप में काम करता था। वह सहयोगी आंबी गांव निवासी फागुन पासवान के साथ नलकूप का टूटा तार जोड़ने के लिए रविवार रात पट्टीशाह गया था। लाइन ठीक करते समय पोल पर करंट आ गया और इंद्रसेन की मौत हो गई।

प्राइवेट लाइनमैन से होते हैं लेनदेन

संविदा कर्मियों के साथ उपकेंद्रों में काम कर रहे प्राइवेट लाइनमैन जेई और उपभोक्ता के बीच लेनदेन की कड़ी साबित होते हैं। बिजली बिल, नए कनेक्शन और ट्यूबवेल के स्टीमेट में बड़ा खेल होता है। उपभोक्ताओं से प्राइवेट कर्मी संपर्क करते हैं और फिर अधिकारियों से काम कराने का ठेका लेते हैं।



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