फतेहपुर। रोडवेज बस में 25 किग्रा से अधिक सामान ले जाने पर यात्री को टिकट लेकर उसका भुगतान करना होता है। लेकिन परिचालक रुपये ले लेते हैं और लगेज टिकट देने में आनाकानी करते हैं। यह रुपये परिवहन निगम के खाते में न जाकर सीधे परिचालक की जेब में जाते हैं। कई यात्री इस समस्या से परेशान हैं।

फतेहपुर डिपो से इस समय 117 बसों का संचालन प्रदेश में अलग-अलग रूटों के लिए हो रहा है। जिसमें 84 बसे निगम की हैं और 27 बसें अनुबंधित तौर पर लगी हैं। आवास विकास निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 26 अक्तूबर को वह किसी काम से रोडवेज बस से कानपुर गए थे। वापस आने पर वह अपने साथ पांच किलो के फल की पेटी लेकर रोडवेज बस में चढ़े। इस दौरान परिचालक ने कानपुर से फतेहपुर तक उनका टिकट काटा। साथ ही पेटी के सौ रुपये भी लिए। लेकिन पेटी लगेज का टिकट परिचालक ने नहीं दिया। इस दौरान उनकी परिचालक से कहासुनी भी हुई। अन्य यात्री भी आए दिन परिचालक पर लगेज टिकट न देने का आरोप लगाते हैं। निगम के अनुसार नियम है कि एक यात्री अपने साथ 25 किग्रा घरेलू सामान मुफ्त में ले जा सकता है। वहीं 25 किग्रा से अधिक घरेलू और व्यवसायिक सामान होने पर उसे 1.40 रुपये प्रति किमी के हिसाब से भुगतान करना होगा। यात्री को इसका टिकट भी मिलता है, फिर भी परिचालक टिकट देने में कतराते हैं।

अक्तूबर माह में डिपो का रोजाना लक्ष्य करीब 15 लाख रुपये है। बीते शनिवार और रविवार को पीईटी परीक्षा के दौरान छात्रों की सुविधा के लिए डिपो में कानपुर और प्रयागराज के लिए 40 से अधिक बसें लगाई थी। दो दिनों में निगम ने लक्ष्य से 10 लाख रुपये अधिक कमाए हैं।

लगेज का टिकट न मिलने पर यात्री टोल फ्री नंबर में फोन कर शिकायत कर सकते हैं। परिवहन निगम कार्यालय में संबंधित परिचालक की शिकायत की जा सकती है। मामले की जांच के बाद संबंधित परिचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी।

– विपिन अग्रवाल, एआरएम, फतेहपुर डिपो।



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