फतेहपुर/औंग। आशापुर गांव में रहने वाली इंटर कॉलेज की शिक्षिका और एक युवक की बुखार से मौत हो गई। दोनों का कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा था। गांव में दो लोगों की मौत से ग्रामीणों में दहशत है। वहीं, एक आशा बहू की भी बुखार से मौत हुई। प्लेटलेट्स 40 हजार रह जाने से परिजन डेंगू की आशंका जता रहे हैं।
मलवां ब्लाक के आशापुर गांव की मीना उर्फ छोटी अवस्थी (23) आदर्श इंटर कॉलेज औंग में शिक्षिका थीं। परिजनों के मुताबिक, एक सप्ताह पहले शिक्षिका को बुखार आया था। हालत बिगड़ने पर कानपुर स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो उन्हें परिजन हैलट ले गए थे। हैलट में इलाज के दौरान गुरुवार रात उनकी मौत हो गई।
उधर, इसी गांव के अर्जुन पांडेय (22) की बुखार से मौत हो गई। वह कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे। परिजन कानपुर स्थित नर्सिंग होम में इलाज करा रहे थे। एक ही गांव में दो लोगों की मौत से ग्रामीणों में दहशत है। परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार किया है। वहीं, हसवा ब्लाक के खेसहन निवासी उदयवीर रिक्शा चालक है। उदयवीर ने बताया कि पत्नी जयरानी (55) आशा बहू थी। छह दिन से बुखार से पीड़ित चल रही थी। गांव में झोलाछाप से इलाज करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर गुरुवार को नर्सिंग होम ले गए। जहां इलाज दौरान शुक्रवार को पत्नी की मौत हो गई। महिला की प्लेटलेट्स 40 हजार बताईं गईं। प्लेटलेट्स कम होने के पीछे डेंगू की संभावना जताई जा रही है।
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गांव में फैली बीमारी, पहले भी हुईं मौत
आशापुर गांव में संक्रामक बीमारी तेजी से फैली हुई है। बताया जा रहा है कि गांव में 10 से 12 लोग बीमार हैं। इन सभी का कानपुर में इलाज चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि आदर्श इंटर कॉलेज के प्रबंधक राकेश कुमार पटेल की भी बुखार से 16 सितंबर को मौत हुई थी। बीते माह में बकेवर में दो और अमौली में छह लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है। ग्रामीण मौत की वजह डेंगू से होना बता रहे हैं।