फतेहपुर। पांच साल के छात्र सार्थक की मौत ने परिवार की खुशियां छीन लीं। जैसे ही खबर घर पहुंची हर तरफ चीख-पुकार गूंजने लगीं। हादसे के बाद इलाकाई लोगों की भीड़ भी घर के बाहर जमा हो गई। मां-बहन को बिलखता देख हर शख्स की आंखें नम हो गईं। जिला अस्पताल पहुंचा पिता बेटे के शव से लिपटकर बिलख पड़ा। बोला- तेरे बिना अब हम लोग कैसे जिएंगे।
स्कूल बस से हुए हादसे में जान गंवाने वाले सार्थक की मां विद्या देवी बदहवास दिखीं। उनकी बेटी प्रिया के फोन पर हादसे की खबर आई थी। विद्या देवी बोलीं कि बेटे का घर आने का इंतजार कर रही थीं। घर आते ही वह भूख लगने की बात कहता था। उसके आने से पहले वह खाना लगाने की तैयारी कर रही थीं। लेकिन उन्हें क्या पता था कि अब वह कभी उनके हाथ से खाना नहीं खाएगा।
उधर, दक्षिणी गौतम नगर निवासी पिता चंद्रभान गुप्ता किसी काम से गए हुए थे। घटनास्थल के बाद वह जिला अस्पताल पहुंचे। बेड पर रखे बेटे के शव से लिपटकर रोने लगे। बोले कि बेटा उठ जाओ, तेरे बिना अब हम लोग कैसे जिएंगे। छात्र के दो बड़े भाई प्रद्यूम्न और अरुण हैं। सार्थक परिवार में सबसे छोटा था। इसी वजह से सभी का दुलारा था।
इनसेट
बच्चे बोले- टोकने के बाद भी बस की रफ्तार कम कर रहा था चालक
स्कूल के पास बच्चे की जान लेने वाला चालक बस को तेज रफ्तार से भगा रहा था। बस में सवार बच्चों ने बताया कि चालक को धीमे चलने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं माना। वहीं, चालक की लापरवाही ने छात्र की जान ले ली। पहले भी कई बार स्कूल बसों से हादसे हो चुके हैं। इलाकाई लोगों ने हादसे के पीछे चालक को जिम्मेदार बताया है। कहीं न कहीं स्कूल प्रशासन भी जिम्मेदार है। स्कूल प्रशासन पूरी बस चालकों के हवाले कर रखता है। नियमित रूप से बस चालकों की निगरानी नहीं की जाती है। यही वजह है कि स्कूली बच्चे हादसे का शिकार होते हैं।
बोले लोग
फोटो-15- दुष्यंत सैनी।
शिवपुरम के रहने वाले दुष्यंत सैनी ने बताया कि स्कूल की बसें और अन्य बच्चों को एक साथ स्कूल से छोड़ा जाता है। बसें तेज रफ्तार में निकलती हैं। जबकि स्कूल गली के अंदर आबादी के बीच है। गली में उनके बच्चे भी आते-जाते हैं। कई बार मना करने के बाद भी चालक नहीं मानते हैं।
फोटो16- संदीप यादव
शिवपुरम के रहने वाले संदीप यादव ने बताया कि रास्ता करीब 15 फिट चौड़ा है। स्कूल की तीन से चार बस और छोटे स्कूली वाहन से बच्चों को ढोया जाता है। चालक आते-जाते रफ्तार में होते हैं। चालक तेज रफ्तार में नहीं होता तो शायद हादसा नहीं होता। गली में वाहन धीमे चलाना चाहिए।
इनसेट
11 अप्रैल को शिवपुरम में स्कूल बस से कुचला था छात्रा का हाथ
गलियों में स्कूल बस चालकों की रफ्तार खतरनाक साबित होती आई है। शिवपुरम सरस्वती बाल मंदिर की छात्रा शुभी पाल (7) बहन दिव्या के साथ साइकिल से 11 अप्रैल को स्कूल जा रही थी। शिवपुरम मोहल्ले में एक स्कूल की बस ने साइकिल में टक्कर मारी थी। हादसे में शुभी बस की तरफ गिरी थी। उसका एक हाथ बस से कुचल गया था। दिव्या दूसरी ओर से गिरने से घायल हो गई थी।
इनसेट
महिलाओं के आगे आने पर बस रोक भागा चालक
बस चालक हादसे के बाद भाग रहा था। हादसा दरवाजे पर खड़ीं कुछ महिलाओं ने देखा। यह देखकर दो महिलाएं दौड़कर बस के आगे पहुंचीं। तभी चालक ने बस रोकी। इलाकाई लोगों के मुताबिक, चालक भागकर स्कूल पहुंचा।