फोटो-33-अस्पताल के बाहर बैठे परिजन
फोटो-34-लोगों को समझाती पुलिस
-प्रसव के बाद सूजन आने पर आई थी अस्पताल, हालत गंभीर होने पर अस्पताल बंद करके भागे
संवाद न्यूज एजेंसी
खागा। एक महिला के पेट में बच्चे की नाल (केनारी) फंसी होनी बताकर महिला झोलाछाप ने हाथ से आंत ही बाहर खींच ली। रक्तस्त्राव शुरू होने साथ जब उसकी हालत बिगड़ी तो झोलाछाप व अन्य कर्मी अस्पताल बंद करके भाग निकले। परिजन महिला को नाजुक हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां मामले का खुलासा हुआ। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को इलाज कराने की सलाह देकर शांत कराया। महिला के परिजनों से तहरीर लेकर पुलिस जांच कर रही है।
खागा कोतवाली क्षेत्र के दवन्नापर मजरे सलेमपुर गोली गांव निवासी राधेश्याम सिंह की पत्नी अनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर हरदों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन अक्तूबर को भर्ती कराया गया था। महिला ने सामान्य प्रसव के जरिए एक बच्ची को जन्म दिया। परिजन जच्चा-बच्चा को लेकर घर लेकर चले गए।
सात-आठ अक्तूबर को अचानक अनीता देवी के पेट में सूजन आ गई और तेज दर्द होने लगा। परिजन उसे दोबारा हरदो अस्पताल लेकर पहुंचे, यहां डॉक्टर नहीं मिलने पर नौबस्ता रोड स्थित नर्सिंगहोम लेकर पहुंचे। अस्पताल संचालक ने महिला डाॅक्टर से इलाज कराने की बात कहकर महिला के परिजनों से 10 हजार रुपये जमा करा लिए।
राहत नहीं मिलने पर अस्पताल संचालक पीड़ित महिला को लेकर फतेहपुर गया और उसका अल्ट्रासाउंड कराया। बताया गया कि अनीता देवी के पेट में नवजात शिशु की नाल (केनारी) चिपकी हुई है और इसी से सूजन व दर्द है। अस्पताल संचालक महिला को ले आया। अपने यहां ऑपरेशन के नाम पर 10 हजार रुपए और जमा कराए।
राधेश्याम सिंह का आरोप है कि यहां काम करने वाली महिला झोलाछाप ने हाथ डालकर नाल खींचने का प्रयास किया और इससे उसकी पत्नी अनीता की आंत बाहर आ गई। उसकी हालत बिगड़ गई। यह देख उसे तत्काल दूसरे अस्पताल जाने की बात कहकर अस्पताल संचालक व महिला झोलाछाप व अन्य कर्मी भाग गए।
हालत बिगड़ने पर परिजन महिला को लेकर सोमवार अस्पताल पहुंचे। यहां न तो अस्पताल का बोर्ड था और न ही कोई डाॅक्टर। परिजनों ने महिला की हालत को लेकर हंगामा किया। पुलिस मौके पर पहुंची और तहरीर लेकर परिजनों को इलाज कराने की सलाह दी। सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि मामला की जांच करके कार्रवाई की जाएगी।