फतेहपुर। लक्ष्य बनाकर उसी दिशा में लगन के साथ बढ़ा जाए, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है और मुकाम हासिल होता है। ये कहना है भूतपूर्व सैनिक कोटे से पीसीएस-जे में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले आलोक वर्मा का। पढ़ाई में औसत रहे आलोक ने लॉ से नेट किया, फिर उसमें ही कैरियर बनाने की ठानी। उन्होंने दूसरे प्रयास में ही पीसीएस-जे में अपना मुकाम हासिल किया।

वर्तमान में अलीगढ़ में सहायक अभियोजन अधिकारी पद पर तैनात आलोक वर्मा वायुसेना में सर्जेंट पद से 20 साल की नौकरी के बाद अप्रैल 2021 में रिटायर हुए। उन्होंने बताया कि वायुसेना में नौकरी के दौरान 2015 से 2020 के बीच नासिक में तैनाती रही।

पत्नी की शिक्षक पद पर नौकरी होने की वजह से वे अकेले ही रहे। ऐसे में पढ़ाई का भरपूर समय मिला। इस बीच 2015 में ही लॉ नेट क्वालीफाई किया। उसके बाद लॉ के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने की सोची और पढ़ाई शुरू कर दी। नौकरी के बाद घर में ही कानूनी किताबों का अध्ययन शुरू किया।

कानून संबंधी किताबें कम ही उपलब्ध हो सकीं, तो यू-ट्यूब का सहारा लिया। उन्होंने 2015 से 17 तक दो साल अथक परिश्रम किया। वर्ष 2018 में पीसीएस-जे में इंटरव्यू तक पहुंचे। इसी साल सहायक अभियोजन अधिकारी पद पर भी परीक्षा दी। कोरोना काल की वजह से नौकरी का परिणाम रुका रहा। अक्टूबर 2021 में सहायक अभियोजन अधिकारी की नौकरी प्राप्त हो गई, लेकिन लक्ष्य पाने का जुनून कम नहीं हुआ।

वर्ष 2022 में पीसीएस-जे की परीक्षा दी और सफलता अर्जित की। आलोक का मानना है कि लक्ष्य तय करना आगे बढ़ा जाए, तो सफलता कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए किताब, मोबाइल व अन्य का उपयोग किया जा सकता है, बशर्ते वह उसी के लिए किया जा रहा हो।



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