फतेहपुर। शहर से बाहरी रूट को जाने वाली रोडवेज की अनुबंधित बसें यात्रियों के लिए खतरा बन कर दौड़ रही हैं। अधिकतर बसों के शीशे टूटे हैं और उनकी बॉडी भी जगह-जगह से टूट चुकी है। ऐसे में सर्दी में सफर ठंड से ठिठुराएगा, वहीं हादसे का खतरा भी रहेगा।
फतेहपुर डिपो से रोजाना 111 बसों का संचालन प्रदेश के कई रूटों में होता है। इसमें करीब 84 बसें निगम और 27 अनुबंधित तौर पर लगी हैं। इसमें अनुबंधित बसों की हालत जीर्णशीर्ण है। अधिकतर बसों के शीशे टूटे हुए हैं और बसों की कई जगहों पर बॉडी टूटने से जमीन दिखती है। वहीं, बसों की सीटें भी खस्ताहाल हैं। इससे साफ है कि परिवहन निगम समय से अनुबंधित बसों के फिटनेस मानक की जांच नहीं कर रहा है। जबकि सर्दी के दौरान ऐसी बसों में सफर करने से यात्रियों के बीमार होने का भी खतरा है।
सड़क खराब होने से भी जर्जर हुई बसें
अनुबंधित बसों का परिवहन निगम में तीन से पांच साल के लिए अनुबंध होता है। इसके अलावा निगम समय-समय पर उनकी फिटनेस की जांच करता है। जांच में बताया गया है कि सड़क खराब होने से भी अक्सर बसों की हालत जर्जर होने लगती हैं।
कोट
बांदा रूट की सड़क खराब होने से उसी रूट की बसों की हालत खराब है। हालांकि फिटनेस जांच के दौरान बस स्वामियों पर जुर्माना लगाया जाता है। उन्हें बसों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है।
– विपिन अग्रवाल, एआरएम, फतेहपुर डिपो।