फोटो-07-बैंक आफ बड़ौदा के सामने ट्रांसफार्मर के पास केबल बदलने की तैयारी। संवाद
– अधिकारी की लापरवाही बिजली व्यवस्था पर भारी
– ललौली रोड की निर्बाध बिजली आपूर्ति अब तक नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहपुर/बिंदकी। शहर से गांव तक बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। हाल यह है कि पिछले पांच दिन से शहर और बिंदकी के ललौली रोड के प्रमुख आवासीय व व्यावसायिक स्थल बिजली नहीं आ रही है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी टरकाऊ बयानबाजी कर उपभोक्ताओं को टरका रहे हैं। नतीजतन अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा विद्युत उपभोक्ता भुगत रहे हैं।
शुक्रवार को रात 12 बजे ललौली रोड का पहला ट्रांसफार्मर खराब हुआ था। उसके बाद शनिवार, रविवार, सोमवार को ट्रांसफार्मर बदले गए। सभी तकनीकी खामियों के कारण फूंकते चले गए। अधिकारी फूंकने के कारण का पता चार दिन बाद लगा सके। विभागीय अधिकारियों के अनुसार विद्युत लाइन में फाल्ट होने के कारण ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं।
इसके बाद भी पांचवें दिन बुधवार तक विभागीय जिम्मेदार फाल्ट ठीक करके विद्युत आपूर्ति बहाल करने में नाकामयाब साबित हुए हैं। एक्सईएन, एसडीओ और जेई समेत सभी अधिकारी मिलकर भी पांच दिन में पूरे इलाके की विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं करा सके हैं। मालूम हो कि ललौली रोड के स्टेट बैंक गली समेत आसपास के इलाके में ज्यादातर नौकरी पेशा और कई विभागों से रिटायर्ड कर्मचारी निवास करते हैं। कस्बे का महत्वपूर्ण इलाका होने के बावजूद बिजली व्यवस्था को लेकर लचर व्यवस्था विभाग पर सवाल है।
इनसेट
गर्मी से पहले किया जाता है मेंटीनेंस
ललौली रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के ट्रांसफार्मर से फाल्ट की वजह बिजली तारों का आपस में जुड़ना बताया जा रहा है। तार बदलने का काम पांचवें दिन किया शुरू हुआ। वैसे ये सभी कार्य गर्मी से पहले किए जाते हैं। गर्मी में लोड बढ़ता ही है। उससे निपटने के लिए ट्रांसफार्मर व तारों की मरम्मत या बदलने का काम पहले ही कर लिया जाता था, लेकिन इस बार काम में चूक का नतीजा सामने है।
जिम्मेदारों की जिम्मेदारी-
जेई- बिजली व्यवस्था को निर्बाध रूप से संचालित कराने की जिम्मेदारी जेई की होती है। फॉल्ट की जांच और उसे सही कराने का काम उनके कंधों पर होता है। जेई ललौली रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के ट्रांसफार्मर से आपूर्ति की सही जानकारी जुटाने और व्यवस्था बनाने में चूक गए।
एसडीओ- बिजली व्यवस्था की देखरेख (तार, ट्रांसफार्मर समेत अन्य उपकरणों) के साथ उपकरण बदलने की मांग और समय पर मरम्मत कराने की जिम्मेदारी एसडीओ की है। एसडीओ ने समय से ट्रांसफार्मर के लोड और बिजली तारों के बदलने व मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया।
एक्सईएन- इंजीनियरों और सहायक इंजीनियरों के कार्यों का पर्यवेक्षण करते हैं। बिजली उपकेंद्रों की आवश्यता की मांग को उच्च अधिकारी तक पहुंचाते हैं। इस स्तर पर भी कामकाज में हीलाहवाली बरती गई। गर्मी से पहले मरम्मत के कार्यों का पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन सही ढंग से होता, तो बिजली बेपटरी नहीं होती।
पूरी रात 30 हजार की आबादी के घरों में अंधेरा
फतेहपुर। मंगलवार रात को राधानगर ग्रामीण उपकेंद्र की इनकमिंग मशीन में फाल्ट आने से बंद हो गया था। इससे करीब 30 हजार की आबादी प्रभावित रही। पूरी रात घरों में अंधेरा छाया रहा। गर्मी में लोग परेशान रहे।