फतेहपुर। शहर में ओवरलोड सवारियां भरना आम बात है। ई-रिक्शा चालक दो सवारियों के मानक के विपरीत 10 सवारी तक बैठा रहे हैं। इससे साफ है कि मई महीने में चिल्ली मोड की दुर्घटना शायद वाहन और यात्री दोनों भूल चुके हैं।
जहानाबाद क्षेत्र के चिल्ली मोड पर 16 मई को ऑटो सवार 10 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने कुछ दिन तक तो ओवरलोड सवारी भरने वालों पर कार्रवाई की, लेकिन सदर कोतवाली पुलिस को शायद यह दुर्घटना भूल चुकी है। शहर में अक्सर ई-रिक्शे चालक भूसे की तरह सवारियां बैठा रहे हैं। अधिक होने पर रिक्शे के ऊपर भी सवारियां बैठाने में गुरेज नहीं कर रहे। ई-रिक्शे में चालक के अलावा सिर्फ दो सवारियां बैठाने का मानक है, लेकिन शहर में दौड़ने वाले अधिकांश ई-रिक्शे न्यूनतम पांच से अधिक सवारियां बैठाकर ही घूम रहे हैं। शहर में घूमने वाला शायद ही कोई रिक्शा मानक के अनुरूप सवारियां बैठकर चलता हो।
खास बात तो यह है कि सभी सार्वजनिक स्थानों और चौराहों पर दिन भर ट्रैफिक पुलिस के जवान ड्यूटी करते हैं, लेकिन इन्हें ओवर लोड ई-रिक्शे शहर की सड़कों पर फर्राटा भरते नहीं दिख रहे हैं।
नियम विरुद्ध संचालित होने रिक्शों पर प्रतिदिन कार्रवाई होती है। 10 से 12 ई-रिक्शे सीज किए जाते हैं और 25 से 30 रिक्शों का चालान काटा जा रहा है। ई-रिक्शा चालकों को मानक से अनुसार सवारी भरने के लिए लगातार जागरूक भी किया जाता है।
मनोज सिंह, प्रभारी यातायात