औंग। बाढ़ की पूरी तरह चपेट में आ चुके 8 गांवों में बिंदकी फार्म गांव के लोगों ने राहत शिविर की ओर रुख कर लिया है। 30 परिवार के कुल 65 सदस्य शिविर तो पहुंच गए हैं लेकिन वहां राहत के नाम पर कुछ नहीं है। हाल यह है कि 24 घंटे से न तो बच्चों को दूध मिला है और न ही बड़ों को रोटी ही नसीब हो सकी है। रात में प्रधान की ओर से भोजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।

जो लोग राहत शिविर पहुंचे हैं उनमें 15 बच्चे, 12 बुजुर्ग व 38 महिला व पुरुष हैं। बच्चे दो से 12 साल की उम्र के हैं। बच्चों को खानपान के नाम पर दूध तक नसीब हुआ। गंगा और पांडु नदी का पानी खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुकी हैं। 16 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इनमें आठ गांवों कालीकुंडी, बेनीखेडा, बिंदकी फार्म, सदनहा, जाड़े का पुरवा, अवसेरी खेड़ा, बेरीनारी, रामघाट में पूरी तरह से पानी भर चुका है।

बिंदकी फार्म के ग्रामीणों ने महुआ घाटी राहत शिविर का रुख किया है। राहत शिविर पहुंचने के लिए जर्जर नाव का सहारा ग्रामीण ले रहे हैं। हाल यह है कि नाव में दरारें होने से उसमें पानी भर रहा है, जिसे एक व्यक्ति निकालता रहता है। खतरों के बीच नाव किनारे पहुंच पाती हैं। शिविर में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराने से पीड़ितों में खासी नाराजगी है। अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि व्यवस्था में सुधार होने के बाद ही वे शिविर जाएंगे। वहीं, स्थानीय विधायक राजेंद्र पटेल ने कहा है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कालीकुंडी के 40 परिवार दरियापुर बांगर के अपने आवासों में पहुंच गए हैं।

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चिकित्साकों की टीम मौजूद

उपचार के लिए बिंदकी के डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़, पशु चिकित्सक डॉ. स्नेह लता, पशुधन प्रसार अधिकारी डॉ. संतोष शर्मा राहत शिविर में कैंप कर रहे हैं। उधर, पीएचसी गोपालगंज से डॉ. सबराना, डॉ. जावेद, हेल्थ सुपरवाइजर राजेंद्र अवस्थी, लैब असिस्टेंट हिमांशु श्रीवास्तव जाड़े के पुरवा, आशापुर, अभयपुर में कैंप कर रहे हैं।

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प्रधान ने प्रकाश और तिरपाल की व्यवस्था की

ग्राम प्रधान अभयपुर रामदास निषाद ने अपने खर्चे से 20 बाढ़ पीड़ितो को तिरपाल मुहैया कराया है। रात भर अंधेरे में ठहरे बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रकाश व्यवस्था की है।

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ये 30 परिवार पहुंचे राहत शिविर

राहत शिविर पहुंचे बिंदकी फार्म के 30 परिवारों में आंचल बहादुर, अनिल, राजेश, कल्लू, राजकुमार, राम दुलारे, नंदकिशोर, रामकिशोर, पवन, सोनू, धनराज, राजू, महावीर, अनूप, चंडिका, मोतीलाल, रामदास, संजय, सोनू, मोनू, योगेंद्र, सुरेश, राम लाल, छोटेलाल समेत अन्य पीड़ित शिविर पहुंचे हैं।

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बयान:-

गुरुवार शाम तक सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो जाएंगी। सरकारी भवनों में बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए गद्दे लगा दिए जाएंगे। बाढ़ पीड़ितों की मदद में किसी प्रकार की कोताही नहीं होगी।

राजेंद्र सिंह पटेल, विधायक जहानाबाद

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बयान:-

गुुरुवार शाम तक बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे सभी पीड़ितों को समुचित व्यवस्थाएं प्रदान की जाएगी। आकलन कर लिया गया है। सभी को बचाव व राहत सामग्री प्रदान की जाएगी।

– मनीष कुमार, उप जिलाधिकारी बिंदकी

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आज बांटी जाएगी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री

औंग। बाढ़ की समस्या से घिरे हुए गांव अभयपुर के राहत शिविर महुआ घाटी में आज सुबह 11 बजे बाढ़ राहत सामग्री बांटी जाएगी। इसमें जहानाबाद विधायक राजेंद्र पटेल बाढ़ पीडितों से मिलकर उनकी समस्याओं से रूबरू होगे। इसकी जानकारी मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार शुक्ला ने दी। (संवाद)

फोटो-10- घाटों तक पहुंचा गंगा का पानी। संवाद

शिवराजपुर के पौराणिक घाटों पर लौटी गंगा

औंग। कई साल बाद मलवां ब्लॉक के पौराणिक स्थल शिवराजपुर के घाटों पर गंगा लौटी हैं। शिवराजपुर काशी के नाम से भी जाना जाता है। मीरा के गिरधर गोपाल, मां पार्वती से पूजित गंगेश्वर मंदिर प्रमुख हैं। हालांकि शिवराजपुर के उत्तरी भाग पर मंदिरों की श्रृंखलाएं और घाटों की कतारें विद्यमान हैं। गंगा नदी का पानी इन घाटों पर पहुंच गया है। ग्रामीण प्रफुल्लित होकर घाटों में स्नान आचमन, पूजन कर रहे हैं।



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