फतेहपुर। ग्राम सभा गुनीर में स्वच्छ भारत मिशन योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच बने शौचालय जांच के घेरे में हैं। ग्राम सभा में 1.58 करोड़ खर्च कर शौचालय का लाभ किन लोगों को दिया गया इसका लेखा-जोखा विभागीय अधिकारियों के पास नहीं मिला है। शिकायत पर डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच शुरू कराई है।

करीब 1500 परिवार गुनीर ग्राम सभा में निवास करते हैं। ग्राम सभा को प्रथम चरण में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। नए शौचालयों की मांग पर गांव को संतृप्त बता दिया गया, जबकि गांव में अभी भी कई घरों में शौचालय नहीं हैं।

इस पर गांव गुनीर के सत्यम भदौरिया ने शौचालय का लाभ पाने वाले लाभार्थियों की सूची मांगी तो जिला पंचायतीराज अधिकारी उपेंद्र राज सिंह उपलब्ध नहीं करा सके। इस पर सत्यम ने डीएम श्रुति से शिकायत की। उन्होंने वर्ष 2016 से 2020 के मध्य का लेखा-जोखा भी डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं ।

कमेटी में बिंदकी एसडीएम, जिला पंचायत अधिकारी, जिला विकास अधिकारी को शामिल किया गया है। सचिव अतुल गौड़ ने बताया कि हमें चार्ज देते समय पूर्व सचिव नीलम सिंह ने शौचालय से संबंधित कोई भी लिस्ट नहीं दी है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालय बनाने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 12 हजार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। (संवाद)

जांच में बरती जाए पारदर्शिता

शिकायतकर्ता सत्यम भदौरिया का कहना है कि जांच समिति में तीन सदस्य हैं। जबकि मौके पर जांच पूर्व सचिव नीलम सिंह कर रहे हैं। वह भी जांच के दायरे में हैं। ऐसे में जांच कैसे पारदर्शी हो सकती है। इस मसले को लेकर भी डीएम से शिकायत कर चुके हैं। गांव में अभी भी दो सौ से अधिक ग्रामीणों को शौचालय की जरूरत है।



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