फतेहपुर। कहते हैं, संसाधनों की कितनी भी कमी क्यों न हो, हुनर अपनी पहचान बना ही लेती है। शहर के प्रतिभावान बच्चे इसका बड़ा उदाहरण हैं। रोलबॉल खेल के लिए शहर में कोर्ट न होने के बाद भी होनहारों ने सड़क पर इसका अभ्यास करके स्टेट और नेशनल स्तर की चैंपियनशिप में मेडल जीते। इन बच्चों की प्रतिभा का ही कमाल है कि दिन पर दिन इस खेल को सीखने के लिए खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

कलक्ट्रेट परिसर के आंबेडकर पार्क के पास करीब 125 बच्चे शाम को रोलबॉल का अभ्यास करते हैं। इनको प्रशिक्षण देने का काम मनीष कुमार श्रीवास्तव कर रहे हैं। मनीष ने बताया कि करीब 10 साल पहले जब उन्होंने इस खेल का अभ्यास शुरू कराया तो बच्चों को ज्यादा जानकारी नहीं थी। जिस कोर्ट पर इसे खेला जाता है वह भी उपलब्ध नही होने से बच्चों को जोड़ने में परेशानी हुई।

लेकिन धीरे-धीरे बच्चों को यह खेल खूब पसंद आने लगा। रोलबॉल खेल के लिए कोर्ट न होने से बच्चे सड़क पर ही अभ्यास कर रहे हैं। ऐसी विपरीत परिस्थिति में बच्चे गिरकर घायल भी हो जाते हैं, लेकिन उनका जज्बा नहीं टूटता। मैदान के लिए कई बार मौखिक रूप से अधिकारियों से बात कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि दस साल से बच्चों को अभ्यास करा रहे हैं। खुद भी नेशनल खेलकर कई पदक जीत चुके हैं। अब बच्चों को सिखाकर पदक लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पदक जीतने वाले अथय शिवहरे ने नार्थ जोन नेशनल चैंपियनशिप में सात गोल करके स्वर्ण पदक जीता। ऐसे ही तेजस, नविका सिंह, प्रतिष्ठा द्विवेदी, अफ्फान खान, आबिया इकबाल, प्रदुम्न प्रताप सिंह सहित कई बच्चों ने स्टेट व नेशनल चैंपियनशिप में पदक जीते हैं।

फोटो-17- प्रतिष्ठा द्विवेदी।

प्रतिष्ठा द्विवेदी ने बताया कि वह करीब दो साल से रोलबॉल का अभ्यास कर रही हैं। कुछ दिनों पहले गिर जाने की वजह से खेलने में डर लगता था, लेकिन लगातार अभ्यास के बाद अच्छा लगने लगा। बीते दिनों वाराणसी में आयोजित रोलबॉल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होकर प्रथम स्थान हासिल किया।



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