फतेहपुर। रोडवेज में यात्रियों का टोटा होने से निगम को घाटा लग रहा है। घाटे की भरपाई के लिए बड़े रास्तों की कुछ बसों का संचालन रोज रोका जा रहा है। मौखिक रूप से यह चालक परिचालकों को अधिकारियों की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि कम से कम 25 सवारी के बिना बस को नहीं ले जाएंगे। ऐसे में नियमित यात्रा करने वाले यात्रियों की दिक्कतें बढ़ना तय हैं। जुलाई और अगस्त में यात्रियों की संख्या कम होने के कारण घाटा होने पर परिवहन निगम ने नई व्यवस्था शुरू की है।
फतेहपुर डिपो में कुल 120 बसें हैं। इनमें से 24 बसें ग्रामीण रूटों पर हैं। शेष बड़े रास्तों पर चल रही हैं। सबसे ज्यादा 40 बसें कानपुर प्रयागराज रूट पर हैं। त्योहारी सीजन न होने के कारण इन महीनों में यात्रियों की संख्या में भारी कमी हुई है। इस कारण कम से कम 25 सवारी पर ही संचालन के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में कानपुर प्रयागराज रूट पर हर दिन पांच से छह बसों की कटौती हो रही है।
कमाई के मामले में फतेहपुर रोडवेज अपने रीजन में कई साल से पहले स्थान पर है। मई-जून के महीने में प्रति बस टिकट बिक्री से होने वाली कमाई करीब 15 हजार रुपये थी। जुलाई अगस्त में यह घटकर 11 हजार के करीब हो गई है। सात अगस्त की कमाई 11 हजार 514 और 8 अगस्त की 12 हजार 500 रुपये थी।
बोले लोग
फोटो- 29 संसर्ग मिश्रा
कानपुर में एनडीए की कोचिंग कर रहे छात्र संसर्ग मिश्रा ने बताया कि रोडवेज बस से कानपुर आते जाते हैं। लेकिन 25 सवारी वाला नियम लागू हो जाने से समय की बर्बादी हो रही है। कई बार कोचिंग भी समय से नहीं पहुंच पाते हैं।
फोटो- 28 आयुष
प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग में पढ़ने वाले आयुष ने बताया कि वह फिलहाल फतेहपुर से ही आते-जाते हैं। लेकिन बस में सवारी वाला नियम लगने से दिक्कत हो रही है। कई बार तो कोचिंग तक छोड़नी पड़ रही है।
बयान-
यात्रियों की संख्या में कमी होने की वजह से निगम को घाटा हो रहा है। कानपुर प्रयागराज रूट पर 25 सवारी वाला नियम लगाया गया है। क्योंकि सवारी कम होने से डीजल तक का पैसा नहीं निकल रहा है।
– वीएस बाजपेयी, रोडवेज बस संचालन प्रभारी