महोबा। स्कूल संचालकों की मनमानी बच्चों को कभी भी भारी पड़ सकती है। खन्ना कस्बे में एआरटीओ सुनील दत्त को चेकिंग के दौरान एक ऐसा स्कूली वाहन मिला, जिसका परमिट सात सीट का है लेकिन उसमें 18 स्कूली बच्चे सवार थे। स्कूल का एक शिक्षक भी वाहन में मौजूद था और नाबालिग गाड़ी चला रहा था। एआरटीओ ने वाहन को सीज करते हुए 16 हजार का चालान किया और दूसरे वाहन से बच्चों को स्कूल भिजवाया।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी शनिवार की सुबह कानपुर-सागर नेशनल हाईवे पर खन्ना कस्बे में वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। तभी एक स्कूली वाहन वहां से गुजरा। एआरटीओ को चेकिंग करता देख वाहन चालक ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी। तब परिवहन कर्मियाें ने पीछाकर वाहन को रोका। एआरटीओ स्कूली वाहन के पास पहुंचे। उन्होंने देखा कि वाहन में 18 स्कूली बच्चे सवार हैं जबकि वाहन सात सीटर है। हालांकि इस वाहन में अधिकतम 11 बच्चे ही सवार हो सकते थे। चेकिंग के दौरान उन्होंने जब चालक का लाइसेंस मांगा तो वह नहीं दिखा सका। चालक नाबालिग था। उसने अपनी उम्र 17 साल बताई। वाहन में एक और व्यक्ति मौजूद मिला। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह स्कूल में शिक्षक है। तब एआरटीओ ने शिक्षक को कड़ी हिदायत दी। साथ ही उन्होंने स्कूल के प्रबंधक से बात की। कहा कि क्षमता के अनुरूप ही वाहन में बच्चों को बैठाया जाए। नाबालिग से वाहन दोबारा चलवाया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।