फतेहपुर/खागा। जरायम पेशे में संलिप्तता के संदेह पर नौ पुलिस कर्मियों के निलंबन और लाइन हाजिर की कार्रवाई ने महकमे में कड़ा संदेश दिया है। इससे पहले कभी ऐसे इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टरों पर नजर टेढ़ी नहीं हुई। कार्रवाई का चाबुक चौकी के दरोगा तक ही चलता था। पहली बार ये बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। जुए में निलंबित इंस्पेक्टरों पर तत्कालीन बड़े अधिकारी की छत्रछाया सामने प्रतीत होती है, तभी उनके हर काम काे सही ठहराते रहे। उनकी एक गुजारिश पर मनचाहे दरोगा और सिपाहियों की पोस्टिंग होती रही है।

वर्दी की आड़ में जुए की संलिप्तता पर निलंबित बिंदकी कोतवाल अरुण चतुर्वेदी पहले सुल्तानपुर घोष और खागा कोतवाली में पारी खेल चुके हैं। सुल्तानपुर घोष थाने में तैनाती के समय थाने का एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल खास बना। एक ओर इंस्पेक्टर की सख्ती की चर्चाएं रहीं, तो दूसरी ओर हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को लेकर कई तरह के मामले को निपटाने को लेकर बाजार गर्म रहा।

कुछ दिन बाद कांस्टेबल का तबादला खागा कोतवाली हुआ। चंद दिनों बाद ही घोष थाने से इंस्पेक्टर भी खागा कोतवाल बने। खागा कोतवाल बनते ही पहले से पहुंचे कांस्टेबल की दिन दोगुनी और रात चौगुनी हो गई। इंस्पेक्टर के पीछे ही हेड कांस्टेबल भी खागा पहुंच गए। सात-आठ महीने के कार्यकाल में इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल की तिकड़ी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी। जमीन विवाद जैसे मामलों का तत्कालिक हल निकलने लगा। इसके बाद इंस्पेटक्टर अरुण बिंदकी कोतवाल बने।

उनके पीछे-पीछे खास हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल भी बिंदकी कोतवाली तक पहुंचे गए। यहां भी हेड कांस्टेबल पर एक जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाए। करीब एक माह पहले एसपी उदयशंकर सिंह ने हेड कांस्टेबल को शिकायत पर जाफरगंज थाने भेज दिया, जबकि कांस्टेबल अभी भी बिंदकी कोतवाली में तैनात है। वहीं निलंबन की कार्रवाई के दायरे में आए स्वाॅट प्रभारी रवींद्र श्रीवास्तव ने करीबियों का साथ नहीं छोड़ा।

सदर कोतवाली में लंबी पारी खेलने के बाद बिंदकी पहुंचे। यहां एक हेड कांस्टेबल से खास जुगलबंदी हो गई। कोतवाली का संचालन एक हाथ में ही रहा। उस पर इंस्पेक्टर की हमेशा सहमति रही। करीब 10 महीने बिंदकी कोतवाली के बाद खनिज संपदा वाले ललौली थाने में रवींद्र की थानेदार के पद पर तैनाती हुई। इधर, बिंदकी कोतवाली से हेड कांस्टेबल लाइन पहुंचा।

लाइन से हेड कांस्टेबल की पोस्टिंग ललौली हुई। 18 नवंबर 2022 की जारी इकलौती गश्ती में हेड कांस्टेबल के अलावा पांच कांस्टेबल की तैनाती ललौली थाने हुई। इनमें तीन कांस्टेबल बिंदकी में तैनात रहे। गश्ती को लेकर आरोप लगे और एडीजी प्रयागराज तक मामला पहुंचा। हालांकि तत्कालीन एसपी ने मामले को अपने स्तर पर ही बनाए रखा। चर्चा है कि साहबों के निलंबित होते ही करीबियों के होश उड़े हैं। अब वह नए साहब बनाने में जुटे हैं।

हालांकि पुलिस अधीक्षक इन दिनों इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और करीबियों का काकस तोड़ने में जुटे हैं। एसपी उदयशंकर सिंह ने बताया कि पुलिस की छवि को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। किसी भी पुलिसकर्मी की अवैध कार्यों में संलिप्तता पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।



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