फतेहपुर। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी की वजह से झोलाछाप नर्सिंग होम संचालक बेखौफ हैं। सील नर्सिंग होम में दोबारा अस्पताल संचालित करने वाले संचालक ने सीएमओ का आदेश भी नहीं माना है। सीएमओ की टीम ने दोबारा संचालित को किसान की मौत होने पर अस्पताल को सीज कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा था। संचालक ने पांच दिन बाद विभाग को स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
शहर के शांतिनगर में संचालित रामा हेल्थ केयर सेंटर को 11 माह पहले सील किया था। रामा हेल्थ केयर सेंटर की कुछ दिन बाद सील खुल गई। सील खुलने के बाद उसी जगह पर संगम हेल्थ केयर सेंटर का बैनर लग गया। अंदर इलाज रामा हेल्थ केयर के लेटर पैड पर हो रहा था। सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं से खुलेआम धोखाधड़ी की जा रही थी। तीन अक्तूबर को किसान की मौत के बाद नर्सिंग होम को दोबारा सील किया गया। सीएमओ के आदेश पर संचालक से तीन दिन में जवाब मांगा गया।
छह दिन बाद भी संचालक जवाब देने नहीं पहुंचा है। चर्चा है कि वह किसी दूसरी जगह पर नर्सिंग होम खोलने की तैयारी में जुटा है। उसने अधिकारियों से सोमवार को कार्यालय पहुंचने की बात कही थी, लेकिन वह नहीं पहुंचा। प्रभारी सीएमओ डाॅ. इश्तियाक अहमद ने बताया कि संचालक ने सोमवार को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की बात कही थी। संचालक नहीं आया है। उस पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।
इनसेट
दो साल पहले हुए मुकदमे, तीन में लगी चार्जशीट
नर्सिंग होम के अवैध संचालन को लेकर सदर कोतवाली में दो मुकदमे और एक मुकदमा थरियांव थाने में दर्ज हुआ था। सदर कोतवाली में लोधीगंज में संचालित आलोक नर्सिंग होम के संचालक राजेंद्र प्रसाद और डाॅ. सूर्य कुमार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। लोधीगंज में ही संचालित दीप नर्सिंग होम के डाॅ. पंकज कुमार और संचालक बाबू सिंह पर मुकदमा दर्ज किया था। तीसरा मुकदमा थरियांव थाने में आमापुर स्थित अवनी नर्सिंग होम के संचालक अर्जुन सिंह पर दर्ज किया गया था। कोतवाली पुलिस दर्ज मामलों में तीन जनवरी को एक मुकदमे में संचालक राजेंद्र प्रसाद और दूसरे मुकदमे में डाॅ. पंकज कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। थरियांव पुलिस ने भी चार्जशीट लगाई। सदर कोतवाली पुलिस ने मुकदमों में एक नर्सिंग होम के डाॅक्टर और दूसरे के संचालक को क्लीन चिट दे दी।