फतेहपुर/अल्लीपुर। सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर माहौल तैयार कर रही है। वहीं, जिले के औद्योगिक क्षेत्र मलवां में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पेयजल, जलनिकासी, स्ट्रीट लाइट और पार्क के नाम पर सिर्फ कागजी कोरम ही पूरा किया गया है। उद्यमी लगातार उद्योग लगाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। कई बड़े उद्योग संचालित भी हैं और नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं।

औद्योगिक क्षेत्र मलवां में पेयजल, सार्वजनिक शौचालय और जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। पार्कों के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगे हैं। क्षेत्र में छायादार पेड़ नहीं हैं। पुराने पेड़ धीरे-धीरे कट चुके हैं। नए पेड़ नहीं लगाए गए, जिससे औद्योगिक क्षेत्र धीरे-धीरे वीरान हो रहा है। एक प्लाई कंपनी में मैनेजर एसके त्रिवेदी ने बताया कि जल निकासी की गंभीर समस्या है। हाईवे पर फैक्टरी के सामने का नाला भी चोक है। दस नंबर रोड जर्जर है। उच्च अधिकारियों से बातचीत के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इस्पात कंपनी के मैनेजर जेके झा ने बताया कि स्ट्रीट लाइट, गंदगी और जल निकासी की समस्या है। चौराहों पर लाइट लगी है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र के अंदरूनी सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। रात में अंधेरा रहता है। कई कार्य प्रभावित होते हैं।

औद्योगिक क्षेत्र मलवां में 35 से 40 छोटे बड़े उद्योग संचालित हैं। इसमें लगभग दो हजार लोग रोजगार से जुड़े हैं। वहीं 10 से 12 नए उद्योग लगने हैं। कुछ उद्योगों ने एक्सटेंशन लिया है। वे संचालित भी होने लगे हैं। कई को जमीन आवंटित हो चुकी है और नवरात्रि से काम प्रारंभ करेंगे। ऐसे में मलवां में उद्योगों का बाजार एक बार फिर चमकेगा, लेकिन मूलभूत सुविधाएं रोड़ा बनेंगी।

औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल बनाने की कवायद की जा रही है। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ये आपराधिक गतिविधि होने पर पुलिस को स्वत: अलर्ट करेंगे। आग लगने पर इस सिस्टम से अग्निशमन को भी अलर्ट मिल जाएगा। इसकी जिम्मेदारी उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सौंपी गई है।



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