फतेहपुर। जिले में मौजूद जर्जर बिजली के तार, पावर हाउस के खराब उपकरण हर माह उपभोक्ताओं की बिजली पर चपत लगा रहे हैं। बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच महीने में करीब चार करोड़ यूनिट बिजली जर्जर तार व खराब उपकरण खा गए। जबकि, ट्रांसमिशन से मांग के अनुरूप पूरी बिजली आपूर्ति हो रही है।
इस गर्मी में बिजली व्यवस्था बेहतर रखने के लिए शासन की ओर से क्षमता के अनुरूप बिजली दी गई, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते उपभोक्ता तक बिजली पहुंच नहीं सकी। वे गर्मी में बेहाल रहे। जिले की बिजली व्यवस्था अब भी बदहाल बनी हुई है। बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल से लेकर अगस्त तक ट्रांसमिशन से 71 करोड़ 59 लाख 40 हजार यूनिट बिजली की आपूर्ति हुई। लेकिन उपभोक्ताओं तक सिर्फ 51 करोड़ 66 लाख 70 हजार यूनिट बिजली पहुंची। इन पांच माह में 19 करोड़ 92 लाख 70 हजार यूनिट बिजली बिजली विभाग की जर्जर व्यवस्था खा गए। इसमें सुधार होता, तो उपभोक्ताओं को रात-रात भर जगना और गर्मी में पसीना नहीं बहाना पड़ता।
जिले के 788 किमी हैं जर्जर तार
जिले में जर्जर तार की लंबाई रोजाना बढ़ती जा रही है। कुछ इलाकों में दशकों से केबल बदली नहीं गई है। हाल यह है कि अधिकतर जगहों पर बांस लगा कर तार को सहारा देकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। जिले में 788 किमी पर 33/11 केवी लाइन के तार जर्जर हो चुके हैं। इसके अलावा 2217.96 किमी में एबी केबल का कार्य होना है।
20 करोड़ की लागत से बनेगी 33 केवी की लाइन
बिजली उपकेंद्र, जर्जर तार, अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर और फीडरों का लोड कम करने के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद 20 करोड़ रुपये की लागत से 33 केवी की लाइन का सुधारीकरण होगा। साथ ही 70 नए पोेल लगाए जाएंगे। नौ उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ेगी और उपकेंद्रों में लगे खराब उपकरणों को बदला जाएगा। खागा, किशनपुर, में कुछ जगहों पर अंडरग्राउंड केबल भी डाली जाएगी।
जर्जर तारों के कारण बिजली यूनिट का बड़ा नुकसान हो रहा है। लाइन की मरम्मत कराने के लिए जर्जर तारों को चिह्नित कर लिया गया है। मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा।
– प्रमोद अग्निहोत्री, अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग।