फतेहपुर। बिजली विभाग का काम भी अनोखा है। रिवैंप योजना के तहत मिले 257 करोड़ रुपये को अभी वह खर्च नहीं कर पाया है और बिजनेस प्लान तैयार करके शासन से 36 करोड़ रुपये की डिमांग करनी शुरू कर दी है।
गर्मी शुरू होते ही शहर से लेकर गांव तक की बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। बारिश में सुधार का दावा था, लेकिन हालात सुधरने के बजाय खराब होते गए। पूरे जिले में जर्जर तार जहां हर दिन फाल्ट की वजह बन रहे हैं, वहीं पुराने ट्रांसफार्मर बढ़े लोड को बर्दाश्त करने में अक्षम साबित हो रहे हैं। हर माह 800 से ज्यादा ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए जिले में रिवैंप योजना लागू की गई। दिसंबर 2022 में इसके तहत 257 करोड़ रुपये का बजट भी विभाग को उपलब्ध करा दिया गया। काम की गति जिले में इतनी धीमी है कि अभी तक 20 फीसदी काम ही हो पाया है।
यह योजना अभी पूरी भी नहीं हुई है और बिजली विभाग ने 36 करोड़ रुपये का बिजनेस प्लान तैयार कर लिया है। प्लान के तहत बिजली उपकेंद्रों और ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, जर्जर पोल, जर्जर एबीसी केबल, आबूनगर और बहुआ की 33 केवीए लाइन, 33 केवीए ब्रेकर और छूटे हुए गांव में विद्युतीकरण का काम कराने की बात कही जा रही है। ऐसे में विभाग के नए प्लान पर सवाल उठ रहे हैं।
इनसेट
रिवैंप योजना से ये होने हैं काम
रिवैंप योजना के तहत करीब 127 करोड़ की लागत से 2217.96 किलोमीटर में खुले तारों की जगह एबीसी केबल लगनी है। 151 नये कृषि फीडर बनाकर लाइन अलग की जानी है। उसके लिए 3400 किलोमीटर में पोल और तार लगाने का काम 124.9 करोड़ की लागत से होने हैं। साथ ही 33 केवीए और वितरण परिवर्तक कैप्सीटर के काम सहित पूरी योजना के तहत कुल 278 करोड़ का प्रस्ताव कम्पनी ने दिया था। कुछ कामों की कटौती हो गई, जिसके बाद 257 करोड़ का बजट पास हुआ है। योजना अक्तूबर 2022 में चालू हुई। धनराशि दिसंबर 2022 में मिली। मार्च से काम चालू किया गया। अब तक महज 20 प्रतिशत ही काम हो पाया है। 2025 तक काम पूरा करना है।
कोट
बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने और उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि के लिए 20 करोड़ और 16 करोड़ के दो प्रस्ताव भेजे गए हैं। ये काम रिवैंप योजना में छूट गए हैं, इनको इस बजट से कराया जाएगा।
– प्रमोद अग्निहोत्री, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण खंड, फतेहपुर।