
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोलियां तमंचों से दागी गई हैं। तमंचे 312 व 32 बोर के इस्तेमाल किए गए हैं। दिवंगत विनोद उर्फ पप्पू सिंह के सीने, पेट व कमर के नीचे पांच गोलियां पाई गईं। शरीर से गोलियां के कई छर्रे निकले। उन्हें दोनों ही बोर के तमंचों से गोलियां मारी गईं।

2 of 10
Fatehpur Triple Murder
– फोटो : amar ujala
डंडा खून से हो गया था लाल
पप्पू सिंह के भाई को पुलिया में जान बचाकर घुसते समय एक ही गोली मारी। गोली कनपटी में लगी। वह गोली 32 बोर की थी। पप्पू सिंह के पुत्र अभय को दो गोलियां सीने व पेट में दागी गईं। तीनों के शरीर से छर्रे मिले हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक पप्पू सिंह को आरोपियों ने डंडों से भी पीटा। इतना पीटा कि डंडा खून से लाल हो गया।

3 of 10
Fatehpur Triple Murder
– फोटो : amar ujala
सालों की रंजिश में बेटे के पहले पिता भिड़ते थे
दोनों परिवारों के बीच तू-तू, मैं-मैं की रंजिश अर्से से चली आ रही है। मुन्नू सिंह के दिवंगत पिता और पप्पू सिंह के पिता लाल बहादुर सिंह के बीच भी विवाद होता रहता था। उनके बीच गाली गलौज, मारपीट तक नौबत आ जाती थी। वे लोग कुछ दिन बाद एक साथ बैठकर खाना-पानी भी करने लगते थे। इस पीढ़ी के दोनों पक्षों में आए दिन गाली गलौज होती थी।

4 of 10
Fatehpur Triple Murder
– फोटो : amar ujala
कभी भी कर सकते थे हमला
विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच तकरार बढ़ती गई। हत्यारोपी मुन्नू सिंह के खेत के बगल में पप्पू सिंह का घर है। वहां अक्सर आने-जाने पर विवाद होता था। ग्रामीणों के बीच चर्चा रही कि पप्पू सिंह कभी भी चाहता तो मुन्नू सिंह पक्ष के लोगों की हत्या कर सकता था। उसके घर के बगल में ही खेत पर मुन्नू सिंह आते-जाते थे। कभी भी हमला कर सकते थे।

5 of 10
Fatehpur Triple Murder
– फोटो : amar ujala
मुन्नू सिंह के लहूलुहान होने के बाद फायरिंग
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मुन्नू सिंह के घर पर 14 अप्रैल को बरमभोज का आयोजन होना था। आयोजन के लिए ट्रैक्टर में चक्की से आटे की बोरियां उठाने मुन्नू सिंह का पुत्र पीयूष जा रहा था। इसी दौरान पप्पू सिंह दरवाजे पर खड़ा था। उसे घूरकर देखने के बाद गाली गलौज कर पीयूष ने ट्रैक्टर बढ़ा दिया। पप्पू ने पैदल ही लाठी लेकर पीछा किया।