आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के संपत्ति और नियोजन विभाग में दलालों ने सेंध लगा दी। शास्त्रीपुरम स्थित 90 भूखंडों की पत्रावलियां गायब हो गईं। लैंड ऑडिट रिपोर्ट में यह हकीकत सामने आई है। अब एडीए इन भूखंडों की बिक्री के लिए सार्वजनिक आपत्तियां मांग रहा है।
शास्त्रीपुरम योजना सेक्टर-ए, बी, बी-2, सीए-1, सी-2 में एमआईजी, एलआईजी, ईडब्ल्यूएस से लेकर एमएमआईजी, एचआईजी और ए-1 टाइप व बी-टाइप के कुल 90 भूखंड ऐसे हैं जिनकी पत्रावलियां गायब हो गई हैं। एडीए ने मंगलवार को सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इन भूखंडों के आवंटन, कब्जा, स्वामित्व व अन्य अभिलेख यदि किसी के पास उपलब्ध हैं तो वह जयपुर हाउस स्थित एडीए दफ्तर में संपत्ति विभाग में उपलब्ध करा सकता है। जिन भूखंडों के दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराएं जाएंगे उन्हें एडीए ऑनलाइन नीलाम करेगा। यह फाइलें कब और कैसे गायब हुईं इसका जवाब एडीए अधिकारियों के पास भी नहीं है।
एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली का कहना है कि 60 पत्रावलियां गायब हैं। यह मेरे कार्यकाल से पहले गायब हुई थीं। 20 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई है। संपत्ति विभाग के एक बाबू के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा सभी पत्रावलियों को सुरक्षित रखने के लिए उनकी लिस्टिंग कराई है। संपत्ति की फाइलों को स्कैन कराया जा रहा है। एक हार्डड्राइव में भी रिकाॅर्ड रखा जा रहा है।
नक्शे से लेकर नोटिस तक गायब
एक तरफ भूखंडों की फाइलें गायब हैं। वहीं दूसरी ओर नियोजन विभाग में भी घपला है। यहां बड़ी संख्या में पुरानी कॉलोनियों का रिकाॅर्ड गायब है। स्वीकृत नक्शे तक नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से कई जगह पार्कों को अवैध ढंग से कॉलोनाइजर बेच रहे हैं। जिन कॉलोनाइजर्स की कॉलोनियों के नक्शे व अन्य दस्तावेज एडीए रिकाॅर्ड से गायब हैं, उनके विरुद्ध एडीए प्राथमिकी दर्ज करा सकता है।
दो फोटो कोट….
अधिकारी और बाबुओं की मिलीभगत
अधिकारी और बाबुओं की दलालों से मिलीभगत है। कई भूखंडों के आवंटन में फर्जीवाड़ा है। प्राधिकरण को नुकसान पहुंचाने के लिए बाबुओं ने दलालों संग मिलकर फाइलें गायब कराई हैं। एसआईटी से जांच होनी चाहिए। तभी गुनहगार पकड़ में आएंगे। – मदन गर्ग, पूर्व सदस्य, एडीए बोर्ड
मंडलायुक्त से करेंगे जांच की मांग
– एडीए बोर्ड की आगामी बैठक में संपत्ति विभाग से गायब फाइलों का मुद्दा उठाया जाएगा। मंडलायुक्त एडीए बोर्ड के अध्यक्ष हैं। गायब फाइलों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। जो लोग भी इसमें शामिल हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। – शिव शंकर शर्मा, सदस्य, एडीए बोर्ड
