
20 मई को मिला था कब्जा
चोरी-छिपे जमीन का बैनामा होने पर हुब्बलाल, देवेंद्र व उसके परिजन ने पूर्व प्रधान अरविंद यादव के परिवार से दुश्मनी पाल ली। उन्होंने अरविंद यादव को तब से अब तक जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया। अरविंद यादव कई बार पुलिस बल के साथ खेत जोतने पहुंचे लेकिन सफलता नहीं मिली। 20 मई को कब्जा मिलने के बाद रविवार को अरविंद यादव अपने बेटे नितिन यादव के साथ जब खेत जोतने पहुंचे तो हुब्बलाल, भोला, विपिन, रवि, मनीष, सनी व अन्य ने मिलकर उनकी हत्या कर दी। एसएसपी ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की हैं।
चार बीघा खेत लेकर राजीनामा को तैयार थे हत्यारोपी
ग्रामीणों ने बताया कि हुब्बलाल के परिजन पूर्व प्रधान से चार बीघा खेत वापस लेकर राजीनामा करने के लिए तैयार थे। ग्रामीणों ने दोनों के बीच राजीनामा कराने का भी प्रयास किया था लेकिन पूर्व प्रधान अरविंद यादव जमीन का कोई भी हिस्सा देने को तैयार नहीं थे।
कब्जा दिलाने के साथ ही कर दी थी हत्या की घोषणा
पीड़ित परिवार ने बताया कि प्रशासन की ओर से जब जमीन का कब्जा पूर्व प्रधान को दिलाया गया तभी आरोपी हुब्बलाल ने एलान कर दिया था कि अगर अरविंद यादव खेत जोतने गए तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। पूर्व प्रधान ने हुब्बलाल के इस एलान को हल्के में लिया। पूर्व में वह पुलिस फोर्स के साथ ही खेत जोतने गए थे लेकिन कब्जा मिलने पर वह बिना पुलिस फोर्स के साथ खेत पर गए जिस पर उनकी हत्या कर दी गई।